सुक्खू सरकार पर छाए संकट के बादल हटाने में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का हस्तक्षेप से भी बड़ा काम कर गया।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर छाए संकट के बादल हटाने में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का हस्तक्षेप से भी बड़ा काम कर गया। प्रियंका गांधी ने कई नाराज मंत्रियों और विधायकों से खुद बात की। दबाव की राजनीति को और अधिक सहन नहीं करने का पार्टी हाईकमान ने विधायकों को संदेश भी दिया है। सरकार और संगठन में तालमेल बनाए रखने के लिए ही पार्टी ने छह सदस्यीय समन्वय समिति को गठित करने का एलान किया। उत्तर भारत में कांग्रेस के एकमात्र किले को बचाए रखने के लिए हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में आगे बढ़ने का फैसला लेते हुए उन्हें और मजबूत किया है। प्रियंका गांधी का राजधानी शिमला के समीप निजी आवास है।
प्रियंका का यहां आना लगा रहता है। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका ने शिमला में रहकर ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। इस दौरान कई नेताओं से उनके अच्छे संबंध बने। इन संबंधों के चलते ही प्रियंका गांधी ने सरकार से नाराज चल रहे कई विधायकों और मंत्रियों से स्वयं बात कर पार्टी की मजबूती का हवाला देकर मान-मनोव्वल किया। मुख्यमंत्री और विक्रमादित्य सिंह के बीच हुआ गतिरोध भी प्रियंका गांधी के हस्तेक्षप के बाद ही समाप्त हुआ है।
प्रियंका गांधी ने पर्यवेक्षकों के माध्यम से हिमाचल सरकार और संगठन को कड़ी हिदायतें भी दी हैं। पर्यवेक्षकों के मार्फत दोटूक कहा गया कि पार्टी सर्वोपरि रहनी चाहिए। जिन मामलों को बातचीत से हल किया जा सकता है, उन्हें मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं उछालना चाहिए।
बागियों पर कड़ी कार्रवाई कर देश भर में दिया संदेश
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ा फैसला लेकर पार्टी हाईकमान ने देश के अन्य राज्यों में पार्टी के खिलाफ जाने वाले नेताओं को भी संदेश दिया है। पार्टी का मत स्पष्ट है कि अनुशासनहीनता और अति महत्वकांक्षा को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी में उन ही नेताओं को तवज्जो दी जाएगी जो विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।