#मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष बोले- हिमाचल में मतदान बढ़ाने के लिए चलेगा 72 पार अभियान|

Lok Sabha Elections Chief Electoral Officer Manish said 72 Par campaign will be run to increase voting in Hima

लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की तैयारियों को लेकर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग से ‘अमर उजाला’ ने खास बातचीत की।

हिमाचल प्रदेश में मतदान को लेकर खासा उत्साह रहता है। 2019 के आम चुनाव में हिमाचल में रिकॉर्ड 72 फीसदी मतदान हुआ था, जो राष्ट्रीय औसत 67 से 5 प्रतिशत अधिक था। इस बार के चुनाव में हिमाचल निर्वाचन विभाग मतदान प्रतिशत और बढ़ाने के लिए 72 पार अभियान चलाएगा। टिप प्लान, मिशन 414 और ‘कैंपन 22 गोइंग टू 72’ से लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की तैयारियों को लेकर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग से ‘अमर उजाला’ ने खास बातचीत की। 

मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए इस बार क्या प्रयास किए गए हैं?
चुनाव आयोग के निर्देशों पर ‘टिप’ (टर्न आउट इंप्लीमेंटेशन प्लान) लागू किया जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 414 केंद्रों पर मतदान प्रतिशत 60 फीसदी से कम था। वहां इसको बढ़ाने के लिए ‘मिशन 414’ प्लान तैयार किया गया है। 22 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत प्रदेश की औसत से कम था। प्रदेश में जहां ये दर 72 फीसदी थी तो इन 22 क्षेत्रों की यह 63 से 70 के करीब थी। इन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए ‘22 गोइंग टू 72’ अभियान चलाया जाएगा।

चुनाव में नकदी और शराब बांटने के प्रयास होते हैं, इसे कैसे रोकेंगे?
प्रदेश भर में कड़ी नजर रहेगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी मतदान केंद्रों पर पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों की तैनाती रहेगी। प्रदेश में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच का जिम्मा केंद्रीय बलों पर रहेगा। चुनाव के दिन मतदान से पहले केंद्रीय बलों की पोलिंग बूथ पर तैनाती की जाएगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी भी तैनात किए जाएंगे।

दुर्गम स्थलों तक ईवीएम और पोलिंग पार्टियों को पहुंचाने के लिए क्या तैयारियां हैं?
हिमाचल का पांगी, काजा और बड़ा भंगाल तीन अति दुर्गम स्थल हैं। यहां बर्फबारी और मौसम की अनिश्चितता के कारण विघ्न रहित चुनाव आयोजित करवाना चुनौती रहता है। लोकसभा चुनावों के लिए चंबा के पांगी, लाहौल-स्पीति के काजा और कांगड़ा के बड़ा भंगाल के लिए ईवीएम हेलिकॉप्टर से भेजी जाएंगी।

शिकायतों के निपटारे के लिए क्या तैयारी है?
निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए राज्य निर्वाचन विभाग ने कड़ी तैयारी की है। चुनावों के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। चुनाव प्रचार से लेकर मतदान तक हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। c-VIGIL के माध्यम से प्राप्त हर शिकायत पर 100 मिनट में कार्रवाई सुनिश्चित होगी। जिला स्तर पर उपायुक्तों की अगुवाई में इसके लिए टीमें भी गठित की गई हैं।

ईवीएम से मतदान में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए क्या योजना है?
ईवीएम-वीवीपैट लाने ले जाने वाले हर वाहन में जीपीएस लगाए जाएंगे। पोलिंग पार्टियों को लेकर जाने वाली परिवहन निगम की सभी बसें और अन्य वाहन जीपीएस से लैस होंगे। इन्हीं बसों और वाहनों में मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपैट वापस लाकर स्ट्रांग रूम में रखी जाएंगी। चुनावों में राजनीतिक दल और प्रत्याशी तय सीमा से अधिक खर्च न करें, इसके लिए व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की जाएगी। 

वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए क्या तैयारी है?
चुनावों में वृद्धों और दिव्यांगों की मदद के लिए सक्षम एप बनाया गया है। निर्वाचन कर्मी मतदान के लिए आवश्यकता के अनुसार सहायता उपलब्ध करवाएंगे। जरूरत पड़ी तो मतदाता को घर से मतदान केंद्र तक लाने और छोड़ने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। 85 वर्ष से अधिक आयु और शारीरिक रूप से अक्षम मतदाताओं को घरों से मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

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