हमीरपुर से लगातार आठ बार जीत रही भाजपा के तिलिस्म को तोड़ना कांग्रेस के लिए चुनौती है।
संसदीय सीट हमीरपुर से लगातार आठ बार जीत रही भाजपा के तिलिस्म को तोड़ना कांग्रेस के लिए चुनौती है। यहां प्रत्याशी नहीं, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के कंधों पर भाजपा का विजय रथ रोकने की जिम्मेदारी है। दूसरी ओर, यहां से अनुराग ठाकुर पिछले चार चुनाव लगातार जीते हैं। यह पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह संसदीय क्षेत्र है। राजनीतिक धुरंधरों की भरमार के चलते एक बार फिर हमीरपुर संसदीय सीट हॉट मानी जा रही है। बेशक इस सीट पर कांग्रेस की जीत से दूरी ढाई दशक की हो गई है, लेकिन प्रदेश में अब सत्तासीन कांग्रेस सरकार के सीएम सुक्खू ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।
सुक्खू नादौन के रहने वाले हैं। नादौन से ही ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेता स्व. नारायण चंद पराशर तीन दफा सांसद रहे हैं। उनके बाद कांग्रेस टिकट पर ऊना जिले से मेजर जनरल विक्रम सिंह ने एक बार प्रेम कुमार धूमल को पराजित किया था। बीते 16 लोकसभा चुनावों में भाजपा को 10 बार और कांग्रेस को 5 बार जीत मिली है, जबकि एक दफा जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के परिवार का इस सीट पर वर्ष 2007 से कब्जा रहा है।
वर्ष 2007 में इस सीट पर धूमल विजयी हुए थे। इसके बाद से यह सीट धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर के पास है। अनुराग इस सीट पर पहले ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने जीत का चौका लगाया है। इस सीट से तीन बार जीत हासिल करने वाले सुरेश चंदेल को लोकसभा में एक विवाद के चलते वर्ष 2007 में सीट गंवानी पड़ी थी। उपचुनाव में प्रेम कुमार धूमल ने इस सीट से जीत हासिल की। लेकिन, उनके मुख्यमंत्री बनने से यहां दोबारा उपचुनाव हुआ और अनुराग ठाकुर विजयी हुए। इस जीत के बाद से लगातार अनुराग ठाकुर लोकसभा में हमीरपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
संसदीय क्षेत्रों में 65,902 वोटर
कांगड़ा 21,258
मंडी 13,024
हमीरपुर 23,346
शिमला 8,274
ये 17 विस क्षेत्र आते हैं इस सीट में
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र पांच जिलों के विधानसभा क्षेत्रों को जोड़कर बना है। इसमें धर्मपुर, भोरंज, सुजानपुर, हमीरपुर, नादौन, बड़सर, बिलासपुर, घुमारवीं, झंडूता, श्री नयनादेवी, ऊना, गगरेट, चिंतपूर्णी, हरोली, कुटलैहड़, देहरा और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
अयोग्य घोषित कांग्रेस के 3 विधायक और दो निर्दलीय इसी संसदीय क्षेत्र से
संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों में से 10 कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि पांच पर भाजपा और दो पर निर्दलीय हैं। अयोग्य घोषित कांग्रेस के तीन विधायक इस संसदीय क्षेत्र से हैं। इनमें सुजानपुर से राजेंद्र राणा गगरेट से चैतन्य शर्मा और बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल शामिल हैं। देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर शहर से आशीष शर्मा निर्दलीय विधायक हैं जो इस समय कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाए हुए हैं।
कब कौन बना सांसद
वर्ष नाम पार्टी
1967 प्रेम चंद वर्मा कांग्रेस
1971 नारायण चंद पराशर कांग्रेस
1977 ठाकुर रणजीत सिंह जनता पार्टी
1980 नारायण चंद पराशर कांग्रेस
1984 नारायण चंद पराशर कांग्रेस
1989 प्रेम कुमार धूमल भाजपा
1991 प्रेम कुमार धूमल भाजपा
1996 जनरल विक्रम सिंह कांग्रेस
1998 सुरेश चंदेल भाजपा
1999 सुरेश चंदेल भाजपा
2004 सुरेश चंदेल भाजपा
2007 प्रेम कुमार धूमल भाजपा
2008 अनुराग ठाकुर भाजपा
2009 अनुराग ठाकुर भाजपा
2014 अनुराग ठाकुर भाजपा
2019 अनुराग ठाकुर भाजपा
बीते पांच चुनावों में मिले वोट
वर्ष भाजपा कांग्रेस
2019 6,82,692 2,83,120
2014 4,48,035 3,49,632
2009 3,73,598 3,00,866
2008 3,74,339 1,99,637
2007 3,82,128 3,02,069
2004 3,13,243 3,11,628
जातीय समीकरण : राजपूत बहुल क्षेत्र में ओबीसी से भी रहे सांसद
संसदीय क्षेत्र में 5.25 लाख राजपूत, 2.95 लाख ब्राह्मण, 3.44 लाख अनुसूचित जाति, 29 हजार अनुसूचित जनजाति और 2.15 लाख ओबीसी वोटर हैं। 17 विस क्षेत्रों में हमीरपुर जिला की भोरंज, बिलासपुर की झंडूता और ऊना की चिंतपूर्णी विधानसभा सीट कुल तीन विस क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। यहां से एक बार ओबीसी से भी सांसद रहे हैं।