# प्रत्याशी तय करने को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों में असमंजस|

Mandi Lok Sabha seat: Confusion between BJP and Congress regarding candidate selection

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व मंडी से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह के चुनाव लड़ने से पीछे हटने के बाद पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर भी अपनी तरफ से चुनावी दंभ भरने से बच रहे हैं। 

हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी लोकसभा सीट मंडी में प्रत्याशी के चयन को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों असमंजस में हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व मंडी से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह के चुनाव लड़ने से पीछे हटने के बाद पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर भी अपनी तरफ से चुनावी दंभ भरने से बच रहे हैं। वह नौजवान को मौका देने की बात करते हुए गेंद हाईकमान के पाले में डाल रहे हैं। जबकि टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त के बावजूद भाजपा भी चुनावी चेहरा साफ नहीं कर पाई है।

मंडी से कांग्रेस टिकट के लिए जोगिंद्रनगर से सेवानिवृत डीएसपी ज्ञान चंद, बल्ह से देवी रूप सैनी, मंडी से तेज सिंह, भावानगर से विजेंद्र नेगी ने आवेदन किया है। इससे हटकर सिटिंग एमपी प्रतिभा सिंह के ही चुनावी मैदान में उतरने के आसार थे। आम चुनाव का बिगुल बजने से पहले तक उन्हें ही कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन उन्होंने अचानक चुनाव लड़ने से कदम पीछे खींच लिए। विकल्प के तौर पर पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह का नाम आगे तो बढ़ा, लेकिन वह भी चुनाव लड़ने को मन से तैयार नहीं हैं। पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर का नाम भी टिकट के दावेदारों में शामिल किया गया है। फौरी तौर पर देखें तो मंडी सीट पर कांग्रेस के पास मजबूत विकल्पों का संकट खड़ा होता दिख रहा है।  

उधर, भाजपा के प्रदेश से गए संभावित प्रत्याशियों के पैनल में पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अलावा प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल व प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा के नाम शामिल हैं। बदलते सियासी समीकरणों में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना क्षीण नजर आ रही है। पैनल में शामिल दो अन्य नामों के अलावा फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत का नाम भी चर्चा में है। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय बिहारी लाल संगठन में काम करने का अच्छा अनुभव रखते हैं। हिमाचली बाॅलीवुड गर्ल कंगना रणौत की ग्लैमरस छवि और भाजपा को सपोर्टिव बेबाक अंदाज को पॉजिटिव एप्रोच के तौर पर देखा जा रहा है। नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर, पूर्व प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, भंवर भारद्वाज के नाम भी दावेदारों में शामिल हैं। संवाद

क्या कहते हैं नेता

नौजवान को मौका मिलना चाहिए। आठ चुनाव जीते हैं और अब आराम करना चाहता हूं। पार्टी हाईकमान चुनाव लड़ने का दबाव बनाता है तो बात अलग है। पार्टी पर ही सबकुछ निर्भर करता है। -कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री

टिकट के दावेदारों की चर्चा में मेरा नाम होने की जानकारी है। भाजपा में संगठन स्तर पर सब तय होता है। पार्टी आदेश करेगी तो चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी के हर आदेश का पालन किया जाएगा। -बिहारी लाल शर्मा, भाजपा प्रदेश महामंत्री

पूर्व में भी पार्टी के आदेश पर मंडी से लोकसभा चुनाव लड़ा है। अगर इस बार भी पार्टी हाईकमान आदेश करता है तो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। पार्टी हाईकमान ही सर्वोपरि है। 
-ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी भाजपा

कांग्रेस आंतरिक कलह में उलझी भाजपा का फोकस चुनाव पर 
 लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है। इसी के साथ चुनावी गतिविधियां भी बढ़ गई हैं। 17 हलकों वाले मंडी संसदीय क्षेत्र में भाजपा की चुनावी तैयारियां साफ दिख रही हैं, लेकिन सत्ताधारी दल कांग्रेस आंतरिक कलह में उलझी हुई है।  संगठनात्मक तौर पर चुनावी मोर्चाबंदी की बात करें तो वर्तमान में प्रदेश में पैदा हुई राजनीतिक परिस्थितियों के बीच कांग्रेस संगठन स्तर पर तैयारियों के मोर्चे पर पिछड़ती नजर आ रही है।

मंडी के गुटकर में संसदीय क्षेत्र का चुनावी कार्यालय खोल देने वाली भाजपा महीनों पहले से सक्रिय है। हर मोर्चे के सम्मेलन करवाने के साथ कार्यकर्ताओं में जोश भरने का कार्य किया गया है। अपने अभियानों को आगे बढ़ाते हुए कार्यकर्ताओं को धरातल पर सक्रिय रखा। भाजपा के सभी मोर्चे अब एक्शन मोड पर हैं। बूथ पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए भी डटकर काम हो रहा है। जिले में विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की परफॉरमेंस दमदार रही है। 10 में से नौ सीटों पर भाजपा विधायक हैं।

विधायक भी लोकसभा चुनाव में अपनी परफॉरमेंस दिखाने के लिए इन दिनों दिन रात एक करने में लग गए हैं। विधायक व संगठन पदाधिकारी कमजोर बूथों का चयन कर रहे हैं। ताकि इन बूथों पर अधिक काम किया जा सके। इसके विपरीत प्रदेश में उपजे राजनीतिक हालात से कार्यकर्ता खुद असमंजस में हैं कि क्या करें? बल्ह हलके में एक कांग्रेस नेता पर दखल के आरोप लगाते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रकाश चौधरी ने भी इस्तीफा दे दिया था, लेकिन मनाने के बाद वह पद पर बरकरार हैं।

इस प्रकरण के बाद संगठनात्मक तौर पर उनकी सक्रियता शून्य ही रही है। शिवरात्रि महोत्सव हो या कुछ और आयोजन, उनकी उपस्थिति नहीं रही है। जिला अध्यक्ष खुद ही निष्क्रिय हो गए हैं। ऐसे में संगठन चुनावी तैयारियों पर कांग्रेस सुस्त ही नजर आ रही है। संगठन को सक्रिय करने के प्रयास भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। मंडी जिला से एकमात्र धर्मपुर हलके से कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर हैं। यह हलका हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आता है। 

हिमाचल में चुनाव अंतिम चरण में होने से तैयारी के लिए काफी समय है। कार्यकर्ता व पदाधिकारी मुस्तैद हैं। पार्टी हाईकमान की तरफ से सौंपे जानी वाली हर जिम्मेवारी को सही तरीके से निभाते हुए कार्य होगा। -सोहन लाल ठाकुर, कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व सीपीएस

चुनावी कार्यालय खोल दिया गया है। कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए सम्मेलन हो चुके हैं और कुछ सम्मेलन जारी हैं। धरातल पर भाजपा पूरी तरह सक्रिय है। चारों सीटें भाजपा जीतेगी।

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