आजाद विधायक कृष्ण लाल ठाकुर ने इस्तीफा दिया तो नालागढ़ के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए।
हिमाचल प्रदेश के तीनों निर्दलीयों विधायकों के पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद राजनीति गर्मा गई है। आजाद विधायक कृष्ण लाल ठाकुर ने इस्तीफा दिया तो नालागढ़ के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए। पिछले विस चुनाव में सोलन में भाजपा की 5-0 से करारी हार हुई थी और नालागढ़ से भाजपा के बागी केएल ठाकुर ने जीत हासिल की थी।उनका टिकट काटकर भाजपा ने कांग्रेस से लाकर लखविंद्र राणा को दिया था, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे थे। उसके बाद केएल ठाकुर ने सुक्खू सरकार को समर्थन देकर अपना काम साधा लेकिन राज्यसभा के चुनाव में उन्होंने अपना मत भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को दिया। इधर, भाजपा ने केएल ठाकुर को टिकट दिया तो लखविंद्र मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
भविष्य सुरक्षित करने के लिए केएल ठाकुर ने छोड़ी विधायकी
जब भाजपा कांग्रेस के छह बागियों और तीन आजाद के साथ सरकार गिराने में नाकाम रही तो 6 बागियों के क्षेत्र में तो उपचुनाव होना तय हो गया था, लेकिन उनकी सदस्यता को कोई खतरा नहीं था। इसी बीच भाजपा हाईकमान को ऐसी भनक लगी कि तीनों आजाद विधायक पुन: कोई बड़ा पद मिलने पर सरकार के के पाले में जा सकते हैं तो उनको बांधने के लिए पार्टी ने उनके समक्ष आग्रह रखा कि आप अपने अपने पद से इस्तीफा दो और कमल के फूल पर दोबारा चुनाव लड़ें। अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए केएल ठाकुर ने शुक्रवार को अपनी विधायकी की बलि दे दी।
ऐसे बदले समीकरण
केएल ठाकुर के इस्तीफे से नालागढ़ विधानसभा में सियासी समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायक लखविंद्र राणा के लिए अब भाजपा में कोई जगह नहीं बची है। उपचुनाव में टिकट केएल ठाकुर को मिलना तय बताया जा रहा है। अब उनके पास एक ही विकल्प है कि वे कांग्रेस में घर वापसी करें। वहां पर पूर्व प्रत्याशी हरदीप बावा पहले से ही हैं और उनका राणा के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है। इधर, सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में नालागढ़ विस से ताल्लुक रखने वाले एक उच्च अधिकारी अपने पद से वीआसएस लेकर कांग्रेस के बैनर तले चुनाव में उतरने को तैयार हैं।
सीएम सुखविंद्र सुक्खू से अच्छे रिश्ते : राणा
पूर्व विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने कहा कि उनके साथ बड़ा धोखा हुआ है। केएल ठाकुर का टिकट पक्का है। वह अपने अपने समर्थकों के साथ बैठक करेंगे और जैसा उनके समर्थक कहेंगे, उसके आधार पर वह अगली नीति निर्धारित करेंगे। सीएम सुक्खू के रिश्ते काफी अच्छे रहे है। कांग्रेस में दो बार विधायक रहे हैं। जो जनता उन्हें आदेश करेगी उसका पालन किया जाएगा।
आशीष के सामने पुरानी चुनौती होशियार को जीतना होगा विश्वास
आशीष शर्मा के लिए बड़ी चुनौती नहीं दिख रही है। 2022 में भाजपा के प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर ने हमीरपुर से उपचुनाव लड़ने से मना किया है। दूसरी ओर, कांग्रेस में नए दावेदारों के साथ पूर्व प्रत्याशी डॉ पुष्पेंद्र वर्मा की दावेदारी फिर से मजबूत रहेगी। देहरा हलके में होशियार सिंह के सामने भाजपा संगठन का विश्वास जीतना चुनौती होगी। दो बार निर्दलीय चुनाव जीत चुके होशियार सिंह पूर्व मंत्री रविंद्र रवि व रमेश धवाला समेत पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष विप्लव ठाकुर जैसे दिग्गजों को हराकर स्थानीय जनता का विश्वास जीतने में अब तक कामयाब रहे हैं। उधर, कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी डॉ राजेश शर्मा देहरा छोड़कर कांगड़ा की सियासत में सक्रिय हो रखे हैं। वह लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी टिकट पाने की कोशिश में हैं।