लोकसभा चुनावों से पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता के बीच 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं।
नवरात्र में इस बार जागरण, भंडारा या हवन-पाठ के दौरान नेताजी पूजा की थाली में भारी भरकम चढ़ावा नहीं चढ़ा पाएंगे। लोकसभा चुनावों से पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता के बीच 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं। नवरात्र के दौरान राजनीतिक पार्टियां, प्रत्याशी या नेता आचार संहिता का उल्लंघन न करे इसके लिए चुनाव आयोग हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखेगा। नवरात्र को लेकर चुनाव आयोग सतर्क हो गया है। आयोग की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारियों को विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। नवरात्र पर होने वाले आयोजनों जैसे माता के जागरण, माता की चौकी, भंडारा, हवन-पाठ पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी।
प्रदेश की सभी शक्तिपीठों के अलावा जिला और उपमंडल स्तर पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों की निगरानी का जिम्मा जिला और उपमंडल स्तर के चुनाव अधिकारियों पर रहेगा। नेताओं और प्रत्याशियों के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक नहीं है, लेकिन धार्मिक कार्यक्रमों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव आयोग की नजर नेताओं की गतिविधियों और भाषणों पर बराबर बनी रहेगी। इस दौरान वीडियोग्राफी भी होगी।
अनुमति के बाद ही होंगे नवरात्र के दौरान सभी कार्यक्रम
नवरात्र के दौरान सभी कार्यक्रम सक्षम अधिकारी की अनुमति के बाद ही होंगे। कोई भी राजनीतिक पार्टी अथवा प्रत्याशी अधिक राशि दान नहीं कर सकेगा। धार्मिक स्थल और कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक तौर पर राजनैतिक विचारों के आदान प्रदान पर भी प्रतिबंध रहेगा। राजनीतिक दलों को विशेषकर प्रत्याशी को धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर कोई प्रत्याशी ऐसा करता है तो इसका खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। जागरण और भंडारा सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी का बैनर-पोस्टर नहीं लगाया जा सकता, अगर ऐसा होता है तो आयोजकों और प्रत्याशी पर कार्रवाई होगी।
प्रत्याशियों के धार्मिक आयोजनों में शामिल होने पर कोई रोक नहीं है लेकिन धार्मिक आयोजनों में चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता। जिला निर्वाचन अधिकारियों और फ्लाइंग स्क्वायड को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। – मनीष गर्ग, राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी