# हिमाचल में गेहूं पर सुंडी के हमले का पहला मामला, किसानों की चिंता बढ़ी|

First case of caterpillar attack on wheat in Himachal, farmers' concern increased

प्रदेश में गेहूं की फसल में सुंडी कीट के हमले का पहला मामला सामने आया है। यह कीट पांवटा साहिब उपमंडल के टोका और खारा में सामने आया है। 

हिमाचल प्रदेश में गेहूं की फसल में सुंडी कीट के हमले का पहला मामला सामने आया है। यह कीट पांवटा साहिब उपमंडल के टोका और खारा में सामने आया है।  अभी तक सुंडी मक्की या दूसरी मुलायम फसलों पर हमला करती थी। अब गेहूं जैसी कठोर फसल पर इसके हमले से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। सुंडी ने क्षेत्र में करीब 100 बीघा से अधिक फसल को चपेट में ले लिया है। यह लगातार आगे फैल रहा है। इस कीट ने गेहूं की 2967 किस्म पर ज्यादा हमला किया है।

इसकी जानकारी मिलने पर कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हैरान रह गई। किसान मलकीत सिंह, राकेश कुमार, रवि कुमार और विशाल चौधरी ने बताया कि तीन दिन पहले सुंडी दिखाई नहीं दे रही थी लेकिन दो दिन में यह पूरे खेतों में फैल चुकी है। तेजी से फेल रही सुंडी से किसानों में दहशत है। किसानों का कहना है कि इससे पहले कभी इस तरह का रोग गेहूं की फसल में नहीं देखा गया।

 क्षेत्र के करीब 100 बीघा फसल में कीट फैल चुका है। किसानों का कहना है कि माजरा क्षेत्र में पहले ओलावृष्टि से हजारों बीघा फसल  खत्म हो चुकी है। इसके बाद तूफान ने फसल को नुकसान पहुंचाया। अब सुंडी ने नींद हराम कर दी है। कृषि विभाग ने इसकी दवाई नि:शुल्क देने का प्रावधान िकया है।

टीम ने लिया जायजा
सोमवार को कृषि विभाग की टीम को मौके पर भेजा। कृषि विकास अधिकारी मनजीत सिंह व एसएमएस अधिकारी राजेश राणा ने फसल का मुआयना किया और किसानों से जानकारी ली। उन्होंने किसानों से कीट ग्रस्त फसल में कोराजीन दवाई पांच से सात एमएल एक पंप में डालकर स्प्रे करने की सलाह दी। 

बचाव की जानकारी दी
पांवटा साहिब के टोका और खारा में गेहूं की फसल में सुंडी लगने की जानकारी मिली थी। टीम को मौके पर भेजा था। यह हिमाचल में पहला मामला है। किसानों को टीम ने बचाव की जानकारी दी है। -राजेंद्र ठाकुर, उपनिदेशक कृषि विभाग सिरमौर

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