मार्च में 931 सैंपलों की जांच की गई। इसमें 864 सैंपल सही पाए गए जबकि 66 फेल हुए, वहीं एक सैंपल मिस ब्रांडेड पाया गया। वहीं हिमाचल में निर्मित 20 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
देश में निर्मित 66 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरने से फेल हो गए हैं। मार्च में 931 सैंपलों की जांच की गई। इसमें 864 सैंपल सही पाए गए जबकि 66 फेल हुए, वहीं एक सैंपल मिस ब्रांडेड पाया गया। वहीं हिमाचल में निर्मित 20 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।विज्ञापन
मंगलवार को केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ड्रग अलर्ट जारी किया है। परवाणू के लीगन हेल्थकेयर की फॉक्सीजेन-200 और 550 के दो सैंपल, बद्दी के अस्ट्रिका हेल्थ केयर की एस्ट्रिपारिन इंजेक्शन, सिरमौर के जेएमएम लैबोरेट्री मे निर्मित पार्डिक-एसपी टैबलेट, झाड़माजरी स्थित टॉर्क फार्मास्यूटिकल की मेंटोर एलसी टैबलेट, बद्दी के सिग्मा साफ्टजैल एंड फार्मूलेशन में निर्मित एसिमेटिल-एसपी दवा, बद्दी के बॉयोलटस फार्मास्यूटिकल में निर्मित टेल वर्ज एच दवा, कालाअंब सिरमौर की फार्मा उद्योग की दवा ओपिसोपरोट-200 दवा, बरोटीवाला के फार्मारूटस हेल्थकेयर में निर्मित कैल्सियम कार्बोनेट टेबलेट 500 एमजी के दो सैंपल, पांवटा साहिब के एमसी फार्मास्यूटिक्स उद्योग में निर्मित एक्सीफ्लो-ओजैड टैबलेट, बद्दी की सालस फार्मास्यूटिक्स में निर्मित सालूजिंक-20 दवा, बद्दी के एएनजी लाइफ साइंस उद्योग में निर्मित इनालाप्रिल माइलेट 5 एमजी दवा, परवाणू के मोरपेन लैबोरेंट्री में निर्मित डोमिपेन टैबलेट, बद्दी के ऑर्चिड मेड लाइफ की दवा आरबेन-20, परवाणू के एक्सेस लाइफ साइंस उद्योग की दवा एब्रोडोल एस कफ सिरप और एल मैल्ट सिरप दो सैंपल फेल हुए हैं।
कालाअंब के साईटैक मेडिकेयर उद्योग में निर्मित ट्रायपोड-200, कालाअंब के उद्योग की अलर्नो टैबलेट व बद्दी के फारजेन हेल्थकेयर उद्योग में निर्मित फलूटोल टैबलेट का सैंपल फेल हुआ है। राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं।