# पिता के बाद बेटे के कंधों पर कांग्रेस की जीत की जिम्मेदारी|

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शिमला लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार व वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप को टक्कर देने के लिए कांग्रेस द्वारा कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी को चुनावी मैदान में उतारने के बाद अब भाजपा व कांग्रेस शिमला लोकसभा सीट पर आमने-सामने आ गई है। भारतीय जनता पार्टी जहां वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सिरमौर जिला से मिली भारी बढ़त को बरकरार रखना चाहती है|

तो वहीं विनोद सुल्तानपुरी को शिमला लोकसभा से चुनावी मैदान में कांग्रेस द्वारा उतारे जाने के बाद कांग्रेस इस बात को लेकर आश्वस्त है कि शिमला लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है तथा पूर्व में विनोद सुल्तानपुरी के पिता स्वर्गीय कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी का शिमला लोकसभा सीट पर जीत का लंबा इतिहास रहा है। ऐसे में कांग्रेस फिर से शिमला लोकसभा सीट को विजयी करना चाहती है। कांग्रेस द्वारा चुनावी मैदान में उतारे हुए विनोद सुल्तानपुरी क्योंकि एनएसयूआई व युवा कांग्रेस के कार्यकाल से ही शिमला लोकसभा क्षेत्र में एक चर्चित व युवा चेहरा रहे हैं।

ऐसे में भाजपा को स्पष्टतौर पर कड़ी चुनौती के संकेत नजर आ रहे हैं। विनोद सुल्तानपुरी वर्तमान में कसौली विधानसभा सीट से विधायक हैं। कांग्रेस के लिए शिमला लोकसभा से यह भी राहत की बात है कि शिमला लोकसभा की कुल 17 विधानसभा सीटों में से 13 सीटों पर कांग्रेस गत विधानसभा चुनाव में विजयी रही है। साथ ही हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार का लाभ भी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस मानकर चल रही है।

इसके अलावा सरकार में कैबिनेट मंत्री की यदि बात की जाए तो शिमला लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सरकार में जहां उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की साख दांव पर रहेगी तो वहीं जुब्बल कोटखाई से सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित चौहान, कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह, स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के अलावा सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह कैबिनेट मंत्री हैं। यही नहीं सिरमौर जिला से ही रेणुका विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय कुमार विधानसभा में उपाध्यक्ष हैं। एचडीएम

शिमला लोकसभा सीट से वर्तमान प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के पिता केडी सुल्तानपुरी ने पहली बार 1980 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता था। केडी सुल्तानपुरी को 51.01 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी बालक राम को 37.91 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। 1984 में फिर केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने तथा उन्हें 79.66 प्रतिशत वोट मिले। 1989 के लोकसभा चुनाव में भी केडी सुल्तानपुरी विजयी रहें। 1991 में उन्हें फिर जीत हासिल हुई। उसके पश्चात 1996 में व 1998 में कांग्रेस शिमला लोकसभा सीट पर विजयी रही तथा कृष्णदत्त सुल्तानपुरी फिर से सांसद बने।

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