रोहतांग दर्रा बहाल करने के लिए 30 से 35 फीट ऊंचे बर्फ के पहाड़ को चीरते हुए बीआरओ की टीम रोहतांग दर्रा की ओर बढ़ रही है। बीआरओ को हिमखंडों से सबसे अधिक जूझना पड़ रहा है। हालांकि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सड़क पर 10 से 15 फीट ऊंची बर्फ की दीवारों को हटाना पड़ रहा है।
मनाली (कुल्लू): सैलानियों की पहली पसंद रोहतांग दर्रा बहाल करने का कार्य आसान नहीं है। 30 से 35 फीट ऊंचे बर्फ के पहाड़ को चीरते हुए बीआरओ की टीम रोहतांग दर्रा की ओर बढ़ रही है। खासकर हिमखंड गिरने के कारण बर्फ की परत 25 से 35 फीट ऊंची हो गई है। ब्यासनाला से राहनीनाला तक आठ हिमखंडों को चीरकर बीआरओ की टीम आगे निकल गई है। इससे आगे रोहतांग तक इतने ही हिमखंड होने का संभावना है।
बीआरओ को हिमखंडों से सबसे अधिक जूझना पड़ रहा है। हालांकि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सड़क पर 10 से 15 फीट ऊंची बर्फ की दीवारों को हटाना पड़ रहा है। जहां हिमखंड गिरे हैं, वहां 30 से 35 फीट ऊंचे बर्फ के पहाड़ हैं। 15 मई के बाद बीआरओ के रोहतांग दर्रा पहुंचने की उम्मीद है। मनाली में सैर-सपाटे के लिए आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद रोहतांग दर्रा रहता है और यहां जाने के लिए सैलानियों को परमिट लेना पड़ता है। जैसे-जैसे बीआरओ की टीम आगे बढ़ रही है, बर्फ की परत भी मोटी हो रही है।
रोहतांग और इसके आसपास दस से 15 फीट तक बर्फ होने की संभावना है। बीआरओ के अधिकारी ने बताया कि कई जगह दस से 15 फीट तक बर्फ की दीवार बन रही है। हिमखंड गिरने से बर्फ की परत 30 से 35 फीट हो गई है। ऐसे में बर्फ हटाने का कार्य भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।