# हिमाचली चेरी की महानगरों में बढ़ी मांग, कार्गो सेवा से पहुंच रही मुंबई, बंगलूरू|

Demand for Himachali Cherry increased in metropolitan cities, cargo service reaching Mumbai, Bangalore

बागवानों को इसके अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। ढली सब्जी मंडी में कोटगढ़, कुमारसैन और ननखड़ी से चेरी की खेप पहुंच रही है। बुधवार को मंडी में चेरी का एक बाॅक्स 200 से 600 रुपये में बिका।

 देश के बड़े महानगरों मुंबई, कोलकाता और बंगलूरू के लिए हिमाचल की चेरी की सप्लाई कार्गो सेवा के जरिये शुरू हो गई है। चेरी को पिकअप के जरिये चंडीगढ़ तक पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद हवाई मार्ग से महानगरों में सप्लाई पहुंचाई जा रही है। राजधानी शिमला की ढली सब्जी मंडी में चेरी के कारोबार ने जोर पकड़ लिया है। बागवानों को इसके अच्छे दाम भी मिल रहे हैं।

ढली सब्जी मंडी में कोटगढ़, कुमारसैन और ननखड़ी से चेरी की खेप पहुंच रही है। बुधवार को मंडी में चेरी का एक बाॅक्स 200 से 600 रुपये में बिका। एक बॉक्स में एक किलो चेरी आती है। हालांकि, पहले फसल शिमला की लोकल मार्केट में ही खप जाती थी, लेकिन अब महानगरों से हिमाचल के चेरी की मांग आ रही है। ऐसे में बाहरी मंडियों में भी इसे हवाई सेवा (कार्गो) से भेजना शुरू कर दिया गया है। 

इसे हवाई सेवा के माध्यम से भेजने का मुख्य उद्देश्य इसकी गुणवत्ता को बरकरार रखना होता है। चेरी नाजुक फल होता है, हल्का सा दाग पड़ने पर भी यह जल्दी खराब हो जाता है। हवाई सेवा के जरिये चेरी बिना खराब हुए बाहरी राज्यों में पहुंच जाती है। हिमाचल में बागवानों का रुझान चेरी की फसल की ओर बढ़ रहा है। सेब के साथ-साथ अब चेरी भी बागवान के बागीचों को तैयार कर रहे हैं।

सेब की तुलना में चेरी की खेती की लागत कम है और इसकी फसल जल्द तैयार हो जाती है। ढली मंडी के कुशान ट्रेडर्स केटी 46 नंबर फर्म के संचालक यशवंत शर्मा ने बताया कि इस बार शिमला में चेरी की फसल अच्छी है। बागवानों को दाम भी अच्छे मिल रहें हैं। इन्होंने बताया कि एक दिन में मंडी में करीब 1500 से दो हजार चेरी के बॉक्स पहुंच रहे हैं। 

चंडीगढ़ तक पिकअप में भेजे जा रहे हैं चेरी के बॉक्स
ढली सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव बिट्टू वर्मा ने बताया कि पहले मंडी से चंडीगढ़ तक चेरी के बॉक्स को पिकअप में लोड कर भेजे जा रहे हैं। फिर वहां से हवाई मार्ग से मुंबई, कोलकाता, अमृतसर और बंगलूरू को इसकी सप्लाई भेजी जा रही है।

आने वाले दिनों में पूणे, महाराष्ट्र और गुजरात में भी इसकी सप्लाई भेजी जाएगी। दूसरे नंबर पर विक्रमादित्य हैं। इनके पास 1,01,39,61,033 (101 करोड़) की चल-अचल संपत्ति है। हिमाचल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। 

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