उपायुक्त कार्यालय ने चेतावनी पत्र जारी करते हुए आदेश दिए हैं कि आपने सरकारी आवास में पालतू कुत्ते रखे हैं।
सिरमाैर जिला प्रशासन ने चतुर्थ श्रेणी की तीन कर्मचारियों को अनोखा फरमान जारी किया है। उपायुक्त कार्यालय ने चेतावनी पत्र जारी करते हुए आदेश दिए हैं कि आपने सरकारी आवास में पालतू कुत्ते रखे हैं। इससे कॉलोनी के कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। सात दिन में इन कुत्तों को भगाना होगा या यहां से दूर छोड़ना होगा। ऐसा नहीं किया तो आपका सरकारी आवास का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। संपदा अधिकारी एवं सहायक आयुक्त-उपायुक्त कार्यालय की ओर से जारी इस पत्र के बाद अजीब स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि जिन कर्मचारियों को यह पत्र जारी किया गया है। वह तीनों ही महिलाएं हैं।
इनमें दो के पति नहीं हैं। महिला कर्मियों को जारी पत्र में सहायक आयुक्त ने सरकारी आवास में पाले कुत्तों को बाहर खुले में घूमते रहने और उनके कारण कॉलोनी में रह रहे कर्मचारियों और उनके परिजनों को खतरा होने का हवाला दिया है। अधिकारी ने दो टूक शब्दों में लिखा है कि यदि वह अपने-अपने कुत्तों को दूर नहीं भगाया तो सरकारी आवास नहीं मिलेगा। जानकारों की माने तो ऐसा कोई भी नियम नहीं है कि कर्मचारी सरकारी आवास में कुत्ता नहीं पाल सकता। उनका कहना है कि खुले में कुत्ते छोड़ने पर उनको चेतावनी दी जा सकती थी।
ऐसा न करके अधिकारी ने सीधे तौर पर कुत्ते सरकारी आवास से हटाने और ऐसा न करने पर सरकारी आवास का आवंटन करने का जो फैसला सुनाया है। बता दें कि शहर में इन दिनों लावारिस और पालतू कुत्ते चंद लोगों के निशाने पर हैं। चंद रोज पहले ही एक डॉग लवर्स के घर में रखे कुत्तों को श्मशान घाट में एक कमरे में बंद कर दिया था। शहर में कई जगह पर कुत्तों को जहर देकर मारने की घटनाएं भी सामने आई हैं। कुछ महीने पहले एक मंदिर की छत्त पर कुत्ते के तीन पिल्लों को भी दीवारों से पटक-पटकर मार दिया गया था। सहायक आयुक्त गौरव महाजन ने कहा कि कुत्ते घर के अंदर न रखकर बाहर खुले में ही छोड़े जा रहे हैं। वह लोगों पर हमले की कोशिश भी कर चुके हैं। ऐसी शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है।