# चुनाव प्रचार थमने के बाद आज घर-घर पहुंच अभियान, स्टार प्रचारकों ने हिमाचल से ली विदाई…

हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार गुरुवार को थम चुका है। वहीं, अब शुक्रवार को स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अपने प्रत्याशियों के लिए डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे। 
 

हिमाचल प्रदेश में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए वीरवार शाम छह बजे प्रचार थम गया। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं और स्टार प्रचारकों ने अंतिम दिन प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। दोनों दलों के स्टार प्रचारक से हिमाचल से लौट गए हैं। अब शुक्रवार को स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अपने प्रत्याशियों के लिए डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे। मंगलवार को प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो जाएगा।

प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में 6589 पोलिंग पार्टियां अपने गंतव्य स्थानों के लिए रवाना कर दी गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि कांगड़ा जिला में 1617, मंडी में 1196, शिमला में 967, चंबा में 624 पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी गई हैं। सोलन में 582, कुल्लू में 571, बिलासपुर में 409, सिरमौर में 403, किन्नौर की सभी 128 व लाहौल-स्पीति की 92 पोलिंग पार्टियां भी भेज दी गई हैं। मतदान के एक दिन पहले 31 मई को शेष 1403 पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जाएगा। चंबा जिला के भरमौर विधानसभा क्षेत्र के मैहला खंड में पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चलकर एहलमी मतदान केंद्र पहुंची।

इसी तरह शिमला और कुल्लू जिला के सबसे अधिक पैदल दूरी वाले शिमला के पंडार (डोडरा क्वार) में 11 किलोमीटर तथा कुल्लू के शाकटी मतदान केंद्र के लिए भी पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी गई हैं। कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले चक्की मतदान केंद्र (भटियात विधानसभा क्षेत्र), जहां पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। बड़ा-भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी को ईवीएम व अन्य सामग्री के साथ हेलिकाप्टर से रवाना किया गया। 30 मई शाम छह बजे से और एक जून को रात 12 बजे तक शराब के ठेके बंद रहेंगे। मतगणना के दिन 4 जून को भी पूरा दिन शराब के ठेके बंद रहेंगे। पुलिस ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं को सील कर दिया है।

प्रदेश के 369 मतदान केंद्र संवेदनशील
प्रदेश में कुल 7992 मतदान केंद्रों में से 369 मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 118 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं, सिरमौर में 58, ऊना में 51, सोलन में 45, चंबा में 20, हमीरपुर में 17, बिलासपुर, मंडी और शिमला में क्रमशः 16-16, किन्नौर में सात, कुल्लू में तीन और लाहौल-स्पीति में केवल दो मतदान केंद्र संवेदनशील की श्रेणी में हैं।

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