राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों की बगावत से उठे तूफान के बाद पार्टी के कई नेता चुनाव लड़ने के लिए बड़े नेता ही तैयार नहीं हो रहे थे। इससे आधी लड़ाई कांग्रेस तभी हार गई।
हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू चला और सरकार होने के बावजूद कांग्रेस भाजपा की हैट्रिक को नहीं रोक सकी। कांग्रेस की हताशा से भाजपा मिशन रिपीट करने में कामयाब हो गई। राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों की बगावत से उठे तूफान के बाद पार्टी के कई नेता चुनाव लड़ने के लिए बड़े नेता ही तैयार नहीं हो रहे थे। इससे आधी लड़ाई कांग्रेस तभी हार गई।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का संसदीय क्षेत्र होने और दोनों की ओर से यहां पूरी ताकत झोंकने के बावजूद कांग्रेस के सतपाल रायजादा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को टक्कर तक नहीं दे पाए। सुक्खू अपने नादौन विस क्षेत्र से ही कांग्रेस को लीड नहीं दिला पाए। ठाकुर पांचवीं बार सांसद बने हैं।
सबसे चर्चित सीट मंडी में भाजपा की प्रत्याशी कंगना रणौत के खिलाफ काफी प्रचार होने के बावजूद मोदी फैक्टर और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम के प्रभाव ने सिने तारिका की जीत सुनिश्चित कर दी। विक्रमादित्य की बतौर मंत्री प्रदर्शन और पिता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह और माता पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह का प्रभाव काम नहीं आया।