शिमला में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने सोमवार सुबह प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय को सील कर दिया गया। इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने सोमवार सुबह प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय को सील कर दिया गया। इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि शिमला के चक्कर स्थित कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की ओर से यह कार्रवाई की गई है। जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के भवन में चल रहे उपनिदेशक कार्यालय को खाली करवाने के संपदा अधिकारी के फैसले को लेकर न्यायालय में अपील दायर की थी, जो खारिज हो गई।
इस पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के संपदा अधिकारी ने सोमवार सुबह पुलिस के साथ पहुंचकर उपनिदेशक कार्यालय को ताले जड़ दिए। इससे कामकाज ठप हो गया है। उपनिदेशक कार्यालय का पूरा स्टाफ बाहर खड़ा है। कार्यालय में करीब 40 कर्मचारी हैं। हालांकि, सभी फाइलें व अन्य सामान कार्यालय के भीतर ही मौजूद है। उपनिदेशक खेमराज भंडारी मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से मिलने निदेशालय गए हैं। अब विभाग को स्टाफ को बिठाने के लिए समस्या खड़ी हो गई है। वर्ष 2007 से प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय इस भवन में चल रहा था।
2016 से चल रहा विवाद
यह भवन ब्रिटिशकाल में बना था और इसका नाम क्लेरमोंट है। पहले यहां श्रम ब्यूरो का कार्यालय भी चलता था। वर्ष 2016 से शिक्षा विभाग व केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग के बीच भवन को लेकर विवाद चला हुआ था। 16 अगस्त 2023 को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के संपदा अधिकारी ने शिक्षा विभाग को भवन खाली करने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ शिक्षा विभाग ने शिमला जिला कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन यह खारिज हो गई। अब संपदा अधिकारी ने सोमवार सुबह कार्यालय में ताले जड़ दिए और शिक्षा विभाग को पांच दिन में इसे खाली करने को कहा है। वहीं कार्यालय बंद होने से जिले भर के आठवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों सहित अन्य शिक्षण संस्थानों, एमडीएम का प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो सकता है।