हिमाचल प्रदेश पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि चंबा जिले में घटित दोनों मामलों का कंगना रनौत के थप्पड़ प्रकरण से कोई संबंध नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में एनआरआई दंपती से हुई मारपीट का मंडी लोकसभा से सांसद कंगना रनौत के थप्पड़ कांड से कोई संबंध नहीं है। हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशालय की ओर से कहा कि इन घटनाओं को सोशल मीडिया में तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्थानीय लोगों का व्यवहार व हिमाचल प्रदेश पुलिस की छवि को धूमिल किया जा रहा है। दरअसल, एनआरआई दंपत्ति ने आरोप लगाया था कि उनके साथ पंजाबी होने की वजह से मारपीट की गई।
हिमाचल पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हाल ही में विभिन्न समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से जिला चंबा के खजियार/डल्हौजी में हुई दो घटनाओं को तथ्यों से परे, तोड़-मरोड़ कर हिमाचल प्रदेश के स्थानीय लोगों का व्यवहार व हिमाचल प्रदेश पुलिस की छवि को धूमिल किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश पुलिस पूर्णतयाः अनुशासित पुलिस बल व व्यवहार कुशल है व पर्यटकों का सदैव सत्कार करती है। हिमाचल प्रदेश एक शांतिपूर्ण राज्य है। जिला चंबा के खजियार/डल्हौजी में घटित घटनाओं का वास्तिवक ब्योरा निम्न प्रकार से है
1. चंबा में परमजीत सिंह, ASI चंडीगढ़ पुलिस का मामला
दिनांक 9 जून 2024 को परमजीत सिंह, एएसआई चंडीगढ़ पुलिस जिला चंबा के खजियार में घूमने आए थे, जिसने अपनी गाड़ी को सड़क के बीच में पार्क कर दिया था, जिससे यातायात बाधित हो गया था। जब खजियार पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों ने उनसे गलत तरीके से पार्क की गई गाड़ी को हटाने के लिए कहा, तो वह नाराज हो गया और वह बहस व गाली-गलौच करने लगा। इस संबंध में मामले की जांच प्रभारी पुलिस थाना सदर जिला चंबा के माध्यम से की गई। जांच के दौरान पुलिसकर्मियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और झूठे पाए गए।
2. चंबा में एनआरआई दंपत्ति कंवलजीत सिंह का मामला
दिनांक 11 जून 2024 को एक एनआरआई दंपत्ति कंवलजीत सिंह, उनकी स्पेनिश पत्नी और उनके भाई जीवनजीत सिंह अमृतसर शहर से चंबा जिले के खजियार में घूमने गए थे। जांच में पता चला है कि कंवलजीत सिंह और उनके भाई जीवनजीत सिंह हस्तरेखा शास्त्र का अभ्यास करने के बहाने महिला पर्यटकों और स्थानीय महिलाओं का जबरन हाथ पकड़ रहे थे। इससे एनआरआई दंपत्ति और वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच कहासुनी हो गई। पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया और एनआरआई दंपत्ति को सुल्तानपुर पुलिस चौकी ले आई। उन्होंने इस मामले में कोई भी कानूनी कार्रवाई करवाने से इनकार कर दिया और स्थानीय पुलिस द्वारा अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने मेडिकल करवाने के लिए मना कर दिया। इस सन्दर्भ में कंवलजीत सिंह का बयान भी दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने अपने साथ हुई हाथापाई के संबंध में पुलिस कार्रवाई से इनकार किया, जिसको जीवनजीत सिंह ने भी तस्दीक किया। बयान की छायाप्रति संलग्न है।
उपरोक्त दोनों घटनाओं का चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर मंडी की सांसद कंगना रनौत की घटना से कोई संबंध नहीं है, जैसा कि मीडिया में बताया गया है। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने भी इस तरह की कोई टिप्पणी न की है। हिमाचल प्रदेश एक शांतिपूर्ण राज्य है। खासकर गर्मियों और सर्दियों के मौसम में हिमाचल प्रदेश पूरे भारत और विदेशों से पर्यटकों को आकर्षित करता है, इसलिए हिमाचल प्रदेश पुलिस देश व विदेश से आने वाले सभी पर्यटकों का हार्दिक स्वागत करती है और उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती है।