जिला मंडी की सियोग पंचायत के पास निर्माणाधीन फोरलेन के काम में भारी अनियमितताएं पाई जा रही हैं। फोरलेन तो बन गया है, लेकिन कई जगह अभी तक डंगे नहीं लगाए गए हैं और कई जगह नालियों को बनाने का कार्य नहीं किया गया है। पंचायत प्रधान वीना महंत, सियोग निवासी जतिन शर्मा और सोझा निवासी लूदर चंद ने बताया कि फोरलेन से सोझा तक गांव को जाने वाले लिंक रोड की हालत शुरु में ही बहुत खस्ता हो चुकी है। इस रास्ते पर फोरलेन निर्माण कंपनी ने अभी तक डंगा नहीं लगाया है और न ही इस जगह पानी की निकासी के लिए नालियां बनाई गई है। लोगों के घरों का पानी भी सड़क पर ही बह रहा है। लोगो ने बताया कि उन्होंने कई बार कंपनी और एनएचएआई के अधिकारियों को इस बारे सूचित किया, लेकिन कोई भी कार्रवाई आज तक नहीं हुई है। फोरलेन से सोझा गांव को जाने वाली सड़क शुरुआत में ही डंगा न लगने के कारण आधे से ज्यादा टूट चुकी है। अभी बरसात अपने रोद्र रूप में है, जिस कारण गांव को जाने वाली सड़क का नामो-निशान भी नहीं बचेगा। इससे सड़क के साथ वाले घरों को खतरा पैदा हो चुका है।
सियोग पंचायत प्रधान वीना महंत ने बताया कि लगभग तीन साल यहां पर फोरलेन को बने हो गए हैं, लेकिन हमारी पंचायत के कई जगह फोरलेन से गांव को जाने वाले लिंक रोड और पैदल चलने वाले रास्ते आज तक नहीं बने। इस समस्या बारे उन्होंने कई बार एनएचएआई और फोरलेन का कार्य कर रही कंपनी से बात की तो उन्होंने इस कार्य को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खामियाजा गांववासियो को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं स्थानीय निवासी जतिन शर्मा ने बताया कि फोरलेन के साथ ही उनका घर है। जब यहां डबल लेन नेशनल हाईवे हुआ करता था तो उनके घर के आगे सड़क के साथ नालियां बनी हुई थी और डंगे भी सड़क किनारे लगे हुए थे। पर जब से यहां पर फोरलेन का निर्माण कार्य चला है, तब से नालियों और डंगे का निर्माण आज तक नहीं हुआ है। जिस कारण इन्हे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सोझा गांव निवासी लूदर चंद ने कहा कि जब से फोरलेन का काम इस जगह चला है, तब से हमारे गांव को जाने वाले रास्ते की हालत दयनीय है। यदि यह रास्ता टूट जाता है तो गांव में किसी बीमार व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने सरकार व प्रशासन से इस पर उचित कार्रवाई करने को कहा है।