एसएफआई इकाई चम्बा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वर्ष 2020 में प्रोफेसर भर्तियों में हुई धांधलियों की न्यायिक जांच की मांग उठाई है। इस मांग को लेकर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को डीसी चम्बा मुकेश रेपस्वाल के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है। इस मौके पर अध्यक्ष अभिषेक ने कहा कि कोरोना काल के समय 2019-20 में पूर्व कुलपति द्वारा विवि में प्रोफेसर की भर्तियां की गई थी।
इन भर्तियों में काफी बड़े स्तर पर शैक्षणिक भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि एसएफआई ने आरटीआई में जुटाए भर्ती से संंबंधित दस्तावेजों के प्रमाण के साथ इन भर्तियों में हुई गड़बडिय़ों की लगातार जांच की मांग उठाई है। सूचना का अधिकार कानून के तहत जुटाए दस्तावेजों में विवि में पूर्व कुलपति के कार्यकाल में हुई शिक्षक भर्तियों में से 70 फीसदी में गड़बड़ी मिली है। भर्ती के नियमों और योग्य लोगों की अनदेखी की गई है।
इसकी यदि निष्पक्षता से जांच हो तो भर्तियों में गड़बडिय़ों की सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच के साथ-साथ अयोग्य भर्ती किए लोगों को बाहर कर पात्र लोगों की भर्ती करने करने की मांग भी की है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि भर्तियों की सरकार न्यायिक जांच नहीं करवाती है तो एसएफआई इसको लेकर उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।