दम तोड़ रहे सरकारी अस्पताल में पहले ही खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाएं
अब सुक्खू सरकार ने निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा पर भी लगाया विराम
सोलन। भाजपा प्रवक्ता शैलेंद्र ने कहा कि सोलन समेत हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही दम तोड़ रही हैं। सुविधाओं के अभाव में आम लोगों को सस्ते और बेहतर इलाज का लाभ लेना टेढ़ी खीर बना हुआ है। उम्मीद कि किरण निजी अस्पताल थे। जहां, हिम केयर कार्ड चल रहा था। लेकिन सरकार ने अब हिम केयर कार्ड को निजी अस्पतालों में चलाने से इनकार कर दिया है। इस फैसले में हिमाचल की जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेना और मुश्किल बना दिया है। हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हिम केयर कार्ड अब प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे में कांग्रेस ने आम जनता के साथ कुठारघात किया है।
शैलेंद्र ने कहा कि जो लोग आयुष्मान भारत योजना से छूट गए थे उन लोगों को कैशलेस इलाज देने के लिए पूर्व भाजपा सरकार ने हिमकेयर योजना बनाई। वर्तमान में हिमाचल और हिमाचल से बाहर 292 अस्पतालों में हिम केयर कार्ड की सुविधा दी जा रही थी और इनमें से 141 निजी अस्पताल थे। लेकिन इस योजना में बदलाव करके सुक्खू सरकार ने प्रदेश की जनता को आहत और निराश है। जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जन और कर्मचारी विरोधी सरकार है।
कांग्रेस की सुक्खू सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य से जुड़ी जन-कल्याणकारी योजनाएं हाशिये पर हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हिमकेयर योजना है, जिसे पूर्व जयराम सरकार ने बड़ी उम्मीदों के साथ लागू किया। 1 जनवरी, 2019 को लागू की गई योजना गरीबों के लिए वरदान साबित होने लगी। लेकिन हाल ही में सुक्खू सरकार के मंत्रिमंडल ने हिम केयर कार्ड को निजी अस्पतालों में चलाने से इनकार कर दिया है।
वहीं कांग्रेस की सरकार ने पिछले 20 महीने मे 20 हजार करोड़ का लोन लिया, लेकिन जयराम सरकार के समय से चल रही सभी जन कल्याणकारी योजनाओं को बारी-बारी बंद करने का निर्णय कर रही है। क्या कांग्रेस सरकार अपने मित्रो के ऐशो आराम के लिए लोन ले रही है। शैलेंद्र ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस फैसले को तुरंत प्रभाव से वापिस ले, अन्यथा भाजपा इस फैसले के विरोध मे उग्र आंदोलन करेगी।