बैठक के बाद भी सरकार और राजस्व कर्मियों में गतिरोध बरकरार है। सोमवार को सचिवालय में पटवारी-कानूनगो महासंघ की राज्य कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों ने राजस्व मंत्री के साथ बैठक की। बैठक में राजस्व कर्मियों ने जिला कैडर को राज्य कैडर में बदलने के निर्णय को वापस लेने की मांग उठाई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मांग को मानने से इनकार कर दिया। वार्ता के विफल होने पर महासंघ ने निर्णय लिया है कि आंदोलन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।
यदि किसी भी पटवारी या कानूनगो के खिलाफ कोई कार्रवाई की तो प्रदेश के समस्त पटवारी एवं कानूनगो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगो किसी प्रकार की हड़ताल पर नहीं हैं बल्कि उन कार्यों को ऑनलाइन करने से छोड़ा है जिनके लिए संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। अतिरिक्त कार्यभार की जो चाबियां सरकार को सौंपी गई हैं वह भी वापस न लेने का निर्णय लिया गया है।
मेजरमेंट का मैट्रिक सिस्टम से किया सेटलमेंट
नेगी ने कहा कि जहां तक मेजरमेंट का सवाल है जहां भी सेटलमेंट हुआ है वहां मैट्रिक सिस्टम लागू किया गया है जो पूरे प्रदेश में एक समान है। अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो आम लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
तर्कसंगत नहीं राज्य कैडर का विरोध : नेगी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पटवारी कानूनगो संघ की मांग तर्क संगत नहीं है। प्रदेश के लोगों की मांग पर राजस्व कर्मियों के हित में जिला कैडर को राज्य कैडर में बदलने का फैसला लिया है। इस व्यवस्था से ऐसे बहुत से पटवारी और कानूनगो जो बाहरी जिलों में सेवाएं दे रहे हैं अपने जिले में लौट सकेंगे। प्रशासनिक तौर पर एकरूपता बनाने के लिए फैसला लिया है। इससे कर्मचारियों की पदोन्नति और वरिष्ठता में फर्क नहीं पड़ेगा। राज्य कैडर सिर्फ ट्रांसफर के लिए लागू किया है।