अवैध खनन मामले में पुलिस ने मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) रामकुमार की पत्नी के नाम पर दर्ज टिपर और पोकलेन का चालान किया है और 75 हजार रुपये जुर्माना वसूला है। जुर्माना वसूलने के बाद पुलिस ने दोनों वाहन छोड़ दिए। अब पुलिस जांच कर रही है कि अवैध खनन सरकारी जमीन पर हो रहा था या निजी। यदि जमीन सरकारी पाई गई तो एनजीटी के नियमों की अवहेलना करने का मामला दर्ज होगा। गौरतलब है कि रविवार को पोकलेन और टिपर मलपुर गांव के समीप अवैध खनन में इस्तेमाल करते पाए गए थे।
इसके बाद पुलिस ने वाहन जब्त कर लिए। शनिवार शाम को मलपुर के लोगों ने सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध खनन को लेकर प्रदर्शन किया था और पुलिस को भी सूचना दी। यहां पर पहले चार टिपर काम कर रहे थे जब तक पुलिस आई तब तक एक टिपर व पोकलेन मौके पर मिली। पुलिस को देखकर टिपर और पोकलेन के चालक मौके से फरार हो गए। मलपुर गांव के कृष्ण कुमार ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की। पुलिस अधीक्षक बद्दी ने थाना प्रभारी को जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने टिपर और पोकलेन का चालान करके 75 हजार जुर्माना वसूला है। जमीन सरकारी है या निजी इसकी जांच चल रही है। एनजीटी के मानकों के आधार पर इसकी जांच होगी। – अशोक वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी
अवैध खनन के नाम पर बदनाम करने की साजिश : रामकुमार
बद्दी (सोलन)। सीपीएस राम कुमार चौधरी ने कहा कि अवैध खनन के नाम पर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई है। खनन उनका व्यवसाय है और इसके लिए उन्होंने लीज पर जमीन ली है और बाकायदा सरकार को रॉयल्टी भी दे रहे हैं। सीपीएस ने यह जारी बयान में बताया कि शिकायतकर्ता मलपुर के कृष्ण कुमार के उद्योगों में काम थे लेकिन अब धीरे-धीरे बंद हो गए हैं। बौखलाहट में वह झूठे आरोप लगा उनकी छवि खराब कर रहे हैं। वह अवैध खनन नहीं कर रहे थे। वह उनके खिलाफ मानहानी का दावा करेंगे।
सीपीएस के क्रशरों पर पड़ी सामग्री की हो जांच : भाजपा
भाजपा के जिला सचिव गुरमेल चौधरी ने सोमवार को बद्दी में पत्रकारवार्ता में कहा कि सीपीएस का परिवार कई दशकों से अवैध खनन कर रहा है। सरकार की पूरी शह रामकुमार को है। उनकी पसंद से ही अधिकारी तैनात होते हैं। जनता ऐसे अवैध कारोबार का वीडियो बनाकर वायरल कर सकती है तो फिर सरकार के अधिकारी क्यों आंखें बंद कर बैठे हैं। कहा कि दशकों से राम कुमार चौधरी व उनके परिवार के क्रशरों पर हजाराें मीट्रिक टन सामग्री अवैध रूप से पड़ी है। खनन विभाग, पुलिस और प्रशासन खामोश है। कांग्रेस सरकार अपने नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए सख्ती का दिखावा कर रही है और आम लोगों को इस कारोबार से दूर करना चाहती है। आरोप लगाया कि सीपीएस और उनकी पत्नी सहित उनके भाई भी यह कारोबार कर रहे हैं। अधिकतर के क्रशरों की एनओसी नहीं है। एम फार्म भी नहीं है।
एनजीटी के तहत चालान नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
दून के पूर्व विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने कहा कि पुलिस खनन के चालान के साथ-साथ एनजीटी के तहत भी चालान करती है, लेकिन इस मामले में केवल साधारण चालान किया है। अगर विधायक का चालान एनजीटी के तहत नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेंगे।