आलू के चिप्स की तरह बाजार में अब लोगों को एप्पल चिप्स भी मिलेंगे। सेब के चिप्स से बागवानों की आय दोगुना होगी। डॉ. वाईएस परमार वानिकी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र बजौरा के वैज्ञानिकों का यह प्रयोग सफल हुआ है। एक किलो सेब से करीब 750 रुपये की कमाई होगी। आलू के चिप्स की तरह ही इसकी पैकिंग होगी। आधा किलो चिप्स के पैकेट की पैकिंग देखने में आकर्षक होगी। हालांकि, इसका कंसेप्ट स्थानीय भाषा में शकोरी से लिया गया है।
खुमानी को सूखाकर इसका प्रयोग किया जाता है, जिसे शकोरी कहते हैं। बागवानी अनुसंधान केंद्र की ओर से हिमालय क्षेत्र में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए यह प्रयोग किया गया है। किसान एप्पल चिप्स तैयार करने के लिए यूनिट लगा सकते हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ जानकारी भी देंगे। अनुसंधान केंद्र की ओर से बिच्छू बूटी का पास्ता, चटनी का पास्ता, सत्तू का विटा, केक भी तैयार किया है।
हिमालय क्षेत्र में बागवानों के पास भूमि कम है। बागवानी की विभिन्न पद्धतियों के माध्यम से लोगों की आजीविका में वृद्धि की जा सकती है। बागवान उच्च घनत्व वाले सेब के पौधे अपने बगीचों में लगाएं। उत्पादन क्षमता उच्च घनत्व वाले पौधों की 9 से बढ़कर 30 हेक्टेयर तक उत्पादन लिया जा सकता है। आलू की तरह एप्पल चिप्स तैयार किए गए हैं, जो किसानों की आय बढ़ाएगा