कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ को लेकर लगातार विवाद गहराता जा रहा है। अभिनेत्री से राजनेता बनीं कंगना अक्सर अपने बेबाक बयानों के कारण सुर्खियों में बनी रहती हैं। कंगना ने हाल ही में, आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। अब अभिनेत्री अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज का इंतजार कर रही हैं , जिसे अभी तक सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिला है। अब हाल ही में, अभिनेत्री ने ओटीटी सेंसरशिप की मांग की है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा है।
हाल ही में, एक इंटरव्यू में कंगना ने पूछा गया कि ओटीटी पर स्ट्रीम हो रहे कंटेंट में सेंसर बोर्ड के प्रमाणन की जरूरत नहीं होती है। इस पर कंगना ने कहा कि सीबीएफसी एक अनावश्यक बॉडी है। इसके साथ ही अभिनेत्री ने यह भी कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को इसके दायरे में आना चाहिए। उन्होंने न्यूज 18 से बातचीत में आगे कहा, “तकनीकी रूप से, हम जिस स्थान पर हैं, सेंसर बोर्ड, ईमानदारी से कहूं तो, एक निरर्थक बॉडी बन गया है। मैंने पिछले संसद सत्र के दौरान भी यही बात उठाई थी।”
उन्होंने आगे कहा कि बच्चों के पास यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर कई चीजें हैं जो चिंताजनक हैं, जिस तरह की चीजें ओटीटी पर दिखाई जा रही हैं। यूट्यूब पर बच्चों को जिस तरह की चीजें उपलब्ध हैं, कभी-कभी हमें डर लगता है कि बच्चा क्या देखेगा। बस पैसे देकर आप अपनी इच्छानुसार कोई भी चैनल एक्सेस कर सकते हैं।
अभिनेत्री ने यह भी कहा, ये काफी चिंताजनक है। हम सेंसर से इतना संघर्ष करते हैं कि तुमने खून क्यों दिखाया?’ तुमने वह कट क्यों लगाया?’ इसलिए मुझे लगता है कि हमें इस पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि सेंसरशिप की सबसे ज्यादा जरूरत जिसे है वो है ओटीटी प्लेटफॉर्म।
बता दें कि कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर आरोप लगाया गया कि फिल्म के ट्रेलर में गलत ऐतिहासिक तथ्य दिखाए गए हैं, जो न केवल सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करते हैं बल्कि नफरत और सामाजिक कलह को भी बढ़ावा देते हैं।”