कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिमला से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की है। प्रियंका ने पोस्ट में लिखा- कुछ भाजपा नेताओं और मंत्रियों की अनर्गल और हिंसक बयानबाजी के मद्देनजर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जीवन की सुरक्षा के लिए चिंतित होकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा। प्रधानमंत्री की आस्था अगर लोकतांत्रिक मूल्यों, बराबरी के संवाद और बुजुर्गों के सम्मान में होती तो इस पत्र का जवाब वह खुद देते। इसके बजाय उन्होंने नड्डा की ओर से एक हीनतर और आक्रामक किस्म का जवाब लिखवाकर भिजवा दिया।
82 बरस के एक वरिष्ठ जननेता का निरादर करने की आखिर क्या जरूरत थी? लोकतंत्र की परंपरा और संस्कृति, प्रश्न पूछने और संवाद करने की होती है। धर्म में भी गरिमा और शिष्टाचार जैसे मूल्यों से ऊपर कोई नहीं होता। आज की राजनीति में बहुत जहर घुल चुका है, प्रधानमंत्री जी को अपने पद की गरिमा रखते हुए सचमुच एक अलग मिसाल रखनी चाहिए थी। अपने एक वरिष्ठ सहकर्मी राजनेता के पत्र का आदरपूर्वक जवाब दे देते तो जनता की नजर में उन्हीं की छवि और गरिमा बढ़ती। यह अफसोस की बात है कि सरकार के ऊंचे से ऊंचे पदों पर आसीन हमारे नेताओं ने इन महान परंपराओं को नकार दिया है। बता दें, प्रियंका गांधी इन दिनों अपनी माता सोनिया गांधी के साथ शिमला के छराबड़ा स्थिति अपने घर में रुकी हैं।