शिमला ,चंडीगढ़ एनएच -5 चक्कीमोड़ में पहाड़ में आईं बड़ी दरारें, भूस्खलन का खतरा फिर से मंडराया

कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर चक्कीमोड़ के समीप पहाड़ी पर भूस्खलन होने के बाद अब बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इससे पूरी पहाड़ी के खिसकने का खतरा बना हुआ है। हैरत की बात तो यह है कि इस पहाड़ी ने अब एनएचएआई और फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी की रातों की नींद भी उड़ा रखी है। वहीं चक्कीमोड़ के इस पहाड़ को टिकाना और यहां पर सड़क का निर्माण करना एजेंसियों को लिए बड़ी चुनौती भी बना हुआ है।हालांकि, फोरलेन निर्माता कंपनी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से टीमें मुआयना कर रही हैं। इसी के साथ 24 घंटे पहाड़ी की रैकी में कंपनी लगी हुई है। जैसे ही भूस्खलन का अंदेशा टीम को लगता है, वैसे ही यातायात को रोक दिया जाता है। भूस्खलन के रुकने के बाद ही सुरक्षित ट्रैफिक चलाया जाता है, लेकिन पहाड़ी से मलबा और पत्थर अचानक सड़क पर गिरते जा रहे हैं। यहां पर पहाड़ी से अधिक पानी सड़क की ओर आने के कारण दलदल बना हुआ है।इसके चलते अस्थायी तौर पर तैयार की गई सड़क को भी नुकसान हो रहा है। मिट्टी के ऊपर बनाई गई सड़क भी धंसती जा रही है। पहाड़ में पड़ी दरारों के कारण भूस्खलन होने का खतरा लगातार मंडरा रहा है। अगर भूस्खलन आगामी दिनों में भी इसी प्रकार होता रहा तो 500 मीटर दूरी पर विश्व धरोहर रेल लाइन को भी खतरा पैदा हो जाएगा। इसी के साथ पहाड़ी के ठीक ऊपर एचटी लाइन का टावर भी जमींदोज होगाकालका-शिमला नेशनल हाईव-5 पर चक्कीमोड़ में पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है। एक अगस्त के बाद से लगातार सड़क पर पहाड़ी से मलबा आ रहा है और सड़क बंद हो रही है। हालांकि, फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी की ओर से मलबा हटाकर सड़क को सुचारु किया जा रहा है। अस्थायी सड़क पर से ही वाहन दौड़ रहे हैं और लोग जान जोखिम में डाल रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *