महज दो प्रतिशत ब्याज पर सस्ता ऋण का झांसा देकर ठगी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया है कि नवीं मुंबई जनकल्याण निधि लिमिटेड की ओर से हमीरपुर में कथित बैंक शाखा खोलने की अनुमति मिली। शाखा खोलने की अनुमति के दस्तावेज आरोपी से बरामद हुए हैं। हालांकि, यह दस्तावेज सही हैं अथवा नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। वहीं, जांच में यह पाया गया है कि बैंक शाखा खोलने के लिए हिमाचल सरकार की जरूरी अनुमति नहीं ली गई है।
विजिलेंस ने पासबुकों को कब्जे में लिया
महज डेढ़ से दो माह के भीतर ही बैंक के नाम से 500 के करीब पासबुक छापी गईं। खाते हमीरपुर और आसपास के जिले के लोगों के हैं। विजिलेंस ने पासबुकों को कब्जे में ले लिया है। शाखा का एमडी कृष्ण चंद दर्शाया गया है जो हिमाचल लघु उद्योग कल्याण संघ के नाम पर लोगों को महज दो प्रतिशत पर ऋण और इंश्योरेंस के नाम पर ठगी करने का आरोपी है। इस मामले में शिखा राणा और शिवानी भी न्यायिक में हिरासत हैं। एएसपी विजिलेंस रेणू शर्मा का कहना है कि बैंक मामले से जुड़े तीन लोगों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इस मामले में जांच जारी है। मामले में गिरफ्तार तीन आरोपी 26 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।
तीन लोगों ने हाईकोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत याचिका
बैंक से जुड़े फर्जीवाड़े में यह सामने आया कि बैंक में तीन अन्य लोगों को भर्ती किया गया था। इन लोगों की इस बैंक शाखा में क्या भूमिका रही है, इसे लेकर अभी तक अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। बैंक शाखा से जुड़े तीन लोगों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगा दी है। इसमें एक महिला और दो पुरुष शामिल हैं जो कथित बैंक शाखा में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
ये है मामला
बीते शनिवार को हमीरपुर शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में हिमाचल लघु उद्योग कल्याण संघ कार्यालय में विजिलेंस की दबिश के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इस दौरान नकदी और यूपीआई से लेनदेन के साक्ष्य विजिलेंस को मिले। तीस के करीब लोग ठगी का शिकार हुए हैं। इस दौरान आरोपी कृष्ण चंद के घर और संघ के कार्यालय से नवीं मुंबई जन कल्याण निधि लिमिटेड की कथित बैंक शाखा खोलने के दस्तावेज मिले। मामला संघ और बैंक शाखा सहित अन्य कई फर्जीवाड़ों की आशंकाओं से उलझा हुआ है। ऐसे में इसमें और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।