चर्चित संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण गिराने के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर जिला अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग की अदालत ने अपीलकर्ता की ओर से नगर निगम के मस्जिद में अवैध निर्माण गिराने के फैसले पर रोक लगाने और स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने के आवेदन को सुरक्षित रखा है। अदालत ने बहस के बाद मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर तय की है। पांवटा साहिब के रहने वाले अपीलकर्ता नजाकत अली हाशमी ने 5 अक्तूबर 2024 को निगम आयुक्त के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि मोहम्मद लतीफ की ओर से जो हलफनामा दायर किया है, वह गैर कानूनी है। हलफनामा कमेटी की सहमति के बगैर दायर किया है। स्थानीय लोगों ने इस अपील में पार्टी बनाने को लेकर आवेदन किया है। सोमवार को जिला अदालत में अपीलकर्ता के हलफनामे चुनौती पर और स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने के आवेदन पर बहस हुई। अदालत के निर्देश पर स्थानीय लोगों के पार्टी बनाने के आवेदन के जवाब में अपीलकर्ता और वक्फ बोर्ड ने यह दलीलें दीं कि स्थानीय लोगों की कोई सोसायटी या संस्था नहीं है। ऐसे में इस मामले में स्थानीय लोगों के आवेदन को खारिज किया जाए।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा है कि 14 नवंबर को ही नगर निगम के फैसले को चुनौती देने वाली अपील की मैंटेनेबेलिटी और स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने के आवेदन पर फैसला होगा। गौरतलब है कि नगर निगम आयुक्त ने हलफनामों के आधार पर मस्जिद की अवैध तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए हैं। यह मामला पूरे देश में काफी चर्चा में रहा है। इसे लेकर शिमला शहर में उग्र प्रदर्शन भी हुआ था तथा पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा था।
एमसी ने अदालत में पेश किया फैसले का रिकॉर्ड
नजाकत अली हाशमी बनाम एमसी शिमला, हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड, अध्यक्ष संजौली मस्जिद कमेटी और मोहम्मद लतीफ अध्यक्ष संजौली मस्जिद कमेटी के नाम से यह अपील दायर की है। इस पर 4 नवंबर को अदालत ने अपीलकर्ता की ओर से नगर निगम के मस्जिद गिराने के फैसले पर रोक लगाने की प्रार्थना को स्वीकार करने से मना किया था। नगर निगम से भी फैसले का रिकॉर्ड तलब किया था जोकि सोमवार को नगर निगम से न्यायालय में पेश किया गया।