प्रदेश में नशे पर लगाम लगाने के लिए हिमाचल आने वाले वाहनों की चेकिंग की जाएगी। हिमाचल की सीमाओं पर भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
हिमाचल प्रदेश में नशा सप्लायरों पर कड़ी कार्रवाई करने और कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सचिवालय में बुधवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में गृह विभाग के अधिकारियों की मैराथन बैठक हुई। इसमें दूसरे राज्यों से हिमाचल में आ रहे नशे को रोकने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर गहन मंथन किया गया। मुख्य सचिव ने पुलिस अधिकारियों को नशे के खिलाफ अभियान तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 19 नवंबर को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं। इसके चलते तैयारियों को लेकर यह समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में हिमाचल के साथ लगती पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने की बात कही गई। हिमाचल आने वाले वाहनों की चेकिंग की जाएगी। हिमाचल की सीमाओं पर भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। चिट्टा सप्लायरों को पकड़ने के लिए पुलिस सादी वर्दी में तैनात रहेगी। हिमाचल में चिट्टा खत्म करने के लिए सरकार ने पंचायतों में भी नशे के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया है। इसमें लोगों को नशीले पदार्थों से होने वाले कुप्रभाव की जानकारी दी जाएगी। स्कूलों में भी छात्रों को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने पुलिस अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों के पुलिस महानिदेशक के साथ संपर्क बनाने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और आईटीबीपी के प्रतिनिधियों ने भी शिमला में बैठक हुई थी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के अधिकारियों ने इसमें भाग लिया था। इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, लद्दाख, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी, आरपीएफ, सीबीआई और एनआईए के पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें कानून व्यवस्था मजबूत और नशा रोकने को लेकर एकजुट होने पर फैसला लिया गया।