सीपीएस नियुक्तियां रद्द होने पर सरकार के लिए सियासी संतुलन बैठाना चुनौती, जानें पूरा मामला

It is a challenge for the govt to strike a political balance when CPS appointments are cancelled

छह मुख्य संसदीय सचिवों के हटने के बाद प्रदेश में सियासी संतुलन बैठाना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। एक कैबिनेट मंत्री पद सहित कई निगमों और बोर्डों में अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के पद खाली चल रहे हैं। सीपीएस पद से हटे विधायकों की यहां नियुक्तियां हो सकती हैं। कांग्रेस की गठित हो रही नई कार्यकारिणी में भी इन विधायकों की एडजस्टमेंट हो सकती है। इन सभी मसलों को लेकर भी सरकार के स्तर पर मंथन शुरू हो गया है।  जिला कांगड़ा और सोलन से दो-दो और कुल्लू-शिमला से एक-एक कांग्रेस विधायक को सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था। 

शिमला संसदीय सीट
शिमला संसदीय सीट से मोहन लाल ब्राक्टा, संजय अवस्थी और राम कुमार चौधरी को मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए थे। जिला सोलन से कर्नल धनीराम शांडिल, सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान, शिमला से रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह के तौर पर पांच कैबिनेट मंत्री सरकार में शामिल हैं। ऐसे में इस संसदीय सीट को सरकार के दो साल के कार्यकाल में मिला प्रतिनिधित्व अब पहले के मुकाबले कम हो गया है।

जिला कांगड़ा
जिला कांगड़ा से किशोरी लाल और आशीष बुटेल मुख्य संसदीय सचिव थे। यहां चौधरी चंद्र कुमार और यादविंद्र गोमा कैबिनेट मंत्री हैं। किसी भी सरकार को सत्ता की दहलीज तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले इस जिले में भरपाई के लिए सरकार को माथापच्ची करनी पड़ेगी। मंडी संसदीय सीट से सुंदर सिंह ठाकुर मुख्य संसदीय सचिव थे। जिला कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर ही सरकार में शामिल थे। 
अब कुल्लू का सरकार में प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है।

मंडी संसदीय सीट पर ये स्थिति
मंडी संसदीय सीट के तहत सिर्फ किन्नौर से कैबिनेट मंत्री के तौर पर जगत सिंह शामिल हैं। मंडी संसदीय सीट को मजबूत करने के लिए सरकार को काफी मेहनत करने की जरूरत है। हमीरपुर संसदीय सीट से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंंत्री राजेश धर्माणी हैं। ऐसे में अब कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र पर ज्यादा फोकस करने की आवश्यकता है।

इन बोर्डों और निगमों में खाली हैं पद
प्रदेश में कई निगम और बोर्डाें में अभी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली चल रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि उपज विपणन बोर्ड, महिला आयोग, खादी ग्रामोद्योग, खाद्य आपूर्ति निगम, हिमफैड, मिल्कफेड, सक्षम गुड़िया बोर्ड, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम सहित कई अन्य जगहों पर अभी नियुक्तियां नहीं हुई हैं। संभावित है कि यहां जल्द नियुक्तियां कर सरकार संसदीय क्षेत्रों के विधायकों सहित अन्य नेताओं को नियुक्त करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *