हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्तियां रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 22 नवंबर को सुनवाई हो सकती है। हिमाचल सरकार की ओर से मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और दुष्यंत दवे कर सकते हैं।
इस संबंध में राज्य सरकार औैर पूर्व सीपीएस की ओर से तीन याचिकाएं दायर की गई हैं। सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद छह विधायकों अर्की से संजय अवस्थी, दून से राम कुमार चौधरी, पालमपुर से आशीष बुटेल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, बैजनाथ से किशोरी लाल और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर को मुख्य संसदीय सचिव के पद से हटना पड़ा है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध हो गया है, जिसके बाद सुनवाई 22 नवंबर को हो सकती है। वहीं, इसी मामले में भाजपा ने कैविएट दायर की है।