हिमाचल में पीजी करने वाले डॉक्टरों को अब चार साल फील्ड में सेवाएं देनी होंगी। इसको लेकर 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नागरिक अस्पताल, जिला अस्पताल, जोनल अस्पताल के अलावा चम्याणा अस्पताल में इन्हें सेवाएं देनी होंगी।
वहीं, अगर कोई हिमाचल का डॉक्टर बाहरी राज्यों से पीजी करते हैं तो उन्हें पांच साल तक सेवाएं देना अनिवार्य किया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से इन डाक्टरों को पूरा वेतन मिलेगा। प्रदेश सरकार ने बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी की है। आपात विभाग के मेडिकल आफिसर, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक की भी फील्ड में तैनाती की जाएगी।
डेंटल कॉलेज के डाक्टरों को इससे बाहर रखा गया है। हिमाचल में पहले इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और टांडा से पीजी होती थी। अब अन्य चार मेडिकल कॉलेज से भी डॉक्टर पीजी करते हैं। मेडिकल कॉलेज के हर विभाग की पांच से छह सीटें पीजी के लिए रहती है। पीजी करने के बाद डाक्टर स्पेशलिस्ट की श्रेणी में आते हैं।