अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना के यूरोलॉजी विभाग में किडनी में पथरी की बीमारी का इलाज करवाने आए मरीज के साथ हैरतअंगेज मामला सामने आया है। दर्द से कहराते मरीज को ऑपरेशन की डेट देने की जगह यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सक ने मरीज को यह कहकर लौटा दिया है कि यहां पर डॉक्टरों की कमी है। लिहाजा सुविधा न होने के कारण मान्यता प्राप्त अस्पतालों में उपचार करवा लें। दर्द से कहराते मरीज ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना में हाल ही में छह विभागों की ओपीडी सेवाएं शुरू हुई हैं। औसतन 300 मरीज रोजाना उपचार के लिए आते हैं। वहीं सोमवार को जब शिमला ग्रामीण के चलाहल पंचायत के उपप्रधान अरुण कुमार शर्मा यूरोलॉजी विभाग में उपचार करवाने के लिए आए तो उन्हें डॉक्टर ने ऑपरेशन की डेट देने से मना कर दिया।
मरीज अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी दोनों किडनी में स्टोन है। वह दो महीनों से वह यूरोलॉजी विभाग में उपचार करवा रहे है। दो बार अल्ट्रासाउंड करवाया है। बीते दिनों सीटी स्कैन करवाने के बाद वह रिपोर्ट दिखाने के लिए सोमवार को चमियाना अस्पताल आए, उन्हें काफी दर्द हो रहा था तो ऐसे में विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाकर ऑपरेशन करवाने की बात कही। लेकिन चिकित्सक ने पर्ची पर लिख दिया कि यहां पर अभी डॉक्टरों की कमी है, ऐसे में वह संबंधित मान्यता प्राप्त सरकारी अस्पताल में उपचार करवाएं। मरीज ने बताया कि अगर चिकित्सक उन्हें पहले ही यह कह देते तो उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर नहीं होना पड़ता है। कहा कि उन्हें काफी दर्द हो रहा है। ऐसे में अब अन्य अस्पताल के चक्कर काटने होंगे।
सभी मरीजों को मिल रहा है उपचार : डॉ. बृजराज शर्मा
यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पंपोश रैना ने बताया कि वह जवाब देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। चमियाना के प्राचार्य डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि इस बारे में जानकारी नहीं है।
चमियाना के लिए अभी तक नहीं चलीं बसें
सुपरस्पेशलिटी अस्पताल चमियाना में ओपीडी शुरू हुए पंद्रह दिन से अधिक का समय हो चुका है। इसके बावजूद अभी तक यहां जाने-आने के लिए मरीजों को बस सुविधा नहीं मिल पाई है। हालत यह है कि दो टेंपो ट्रैवलर में मरीज और स्टाफ सफर करने को मजबूर हैं। इस वजह से प्रदेशभर से यहां उपचार करवाने के लिए आने वाले मरीजों को भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) प्रबंधन का कहना है कि उनसे अभी तक स्पेशल बसें चलाने के लिए सिर्फ एस्टीमेट मांगा है तो वहीं आईजीएमसी प्रबंधन के मुताबिक उन्होंने एचआरटीसी से यहां के लिए बसें चलाने की मांग की है। डीएम देवासेन नेगी ने बताया कि आईजीएमसी प्रबंधन की ओर से स्पेशल बसें चलाने के लिए एस्टीमेट मांगा था। इसको लेकर उनसे पूरी जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है।