सीबीआई के अधिकारियों ने मंगलवार को तीसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिमला सब जोनल कार्यालय में दबिश दी। करीब 12 बजे सीबीआई के दो अधिकारी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कार्यालय में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की। चार बजे के बाद यह अधिकारी रिकॉर्ड लेकर वापस लौट गए।
छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले के चलते सीबीआई टीम लगातार ईडी कार्यालय शिमला में दस्तक दे रही है। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी सहायक निदेशक विशाल दीप के भाई और एक अन्य को गिरफ्तार किया है। विशाल दीप सिंह सीबीआई की पकड़ से बाहर है। इसको पकड़ने के लिए सीबीआई की टीम दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में दस्तक दे रही है।
गौरतलब है कि छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में फंसे निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों से मांगी गई रिश्वत मामले में ईडी मुख्यालय ने शिमला का स्टाफ बदल दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ीं दो शिकायतों में ढाई करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में सीबीआई की कार्रवाई से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय तक हड़कंप मचा है। ईडी मुख्यालय ने सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह को सस्पेंड किया गया है। सीबीआई एक महीना पहले से शिमला में तैनात ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह के खिलाफ जांच में जुट गई थी, लेकिन पुख्ता सुबूत न मिलने से कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।
इसी बीच निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने अपने वकील से मुलाकात की। उसके बाद आरोपी अधिकारी को पकड़ने का प्लान बनाया। यह निजी शिक्षण संस्थान के संचालक सीबीआई चंडीगढ़ कार्यालय में अधिकारियों से मिले और उन्हें आपबीती सुनाई। संचालकों के साथ जो विशाल दीप सिंह की बात हो रही थी, उसे रिकॉर्ड किया गया। उसके बाद इन संचालकों को पैसे देने के लिए भेजा। विशाल ने खुद पैसे लेने से मना कर दिया और पैसे लेने के लिए किसी और को भेजा। इसके बाद विशाल दीप के भाई से रिश्वत के पैसे बरामद किए गए।