सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू) मंडी से 80 डिग्री, बीएड, बीबीए, बीसीए और संस्कृत कॉलेज वापस लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला में शामिल कर दिए। एसपीयू में आधारभूत ढांचे की कमी से जूझने का तर्क देकर भाजपा के विरोध के बीच सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब मंडी, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिला के 46 कॉलेज ही एसपीयू के तहत रहेंगे।अन्य नौ जिलों के अलावा कुल्लू जिले के आनी और निरमंड के कुल 250 कॉलेज एचपीयू में पहले की ही तरह कामकाज करेंगे। एसपीयू में स्टाफ की कमी के चलते 22 अगस्त को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। शुक्रवार को अधिसूचना जारी हुई। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने अपने गृह जिला मंडी में 1 अप्रैल, 2022 से एसपीयू शुरू किया था।इसमें मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और चंबा के कॉलेज शामिल किए थे। एचपीयू के पास शिमला, सोलन, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना, किन्नौर और बिलासपुर के कॉलेज रखे थे। स्टाफ की कमी के चलते एसपीयू पीजी की प्रवेश परीक्षाएं भी नहीं ले पा रहा था। एचपीयू के पास ही पीजी की प्रवेश परीक्षाएं लेने का जिम्मा था। सरकार का आरोप है कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले बिना आधारभूत ढांचे के एचपीयू खोल दिया।सीएम के प्रधान सलाहकार नरेश चौहान का कहना है कि नियम-कायदे ध्यान में रखे बिना एसपीयू खोला गया। इस कारण वर्तमान सरकार को विश्वविद्यालय से संबद्ध कई काॅलेज बाहर करने पड़े, ताकि परीक्षाओं का संचालन सही हो सके।जब तक इस विवि के आधारभूत ढांचे में सुधार नहीं होता, तब तक यही व्यवस्था रहेगी। उधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा है कि सरकार का फैसला जनविरोधी है। कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और मंडी में भाजपा को मिली जीत का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।