
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की खेल एवं पाठ्येत्तर परिषद की कार्यकारिणी बोर्ड की बैठक में 2025-26 में मंडी विश्वविद्यालय के लिए इंटर कॉलेज, इंटर यूनिवर्सिटी की एक साथ खेल स्पर्धाएं और युवा महोत्सव न करने का फैसला ले लिया गया है। मंडी यूनिवर्सिटी और प्रदेश के शिक्षा विभाग को फैसले को लेकर पत्र लिखकर सूचित भी कर दिया गया है। 2022 में अस्तित्व में आए सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी आज तक अपने स्तर पर न तो इंटर कॉलेज स्पर्धाएं कर पाया है और नहीं युवा महोत्सव। प्रदेश के दो-दो विश्वविद्यालयों की अलग खेल और सांस्कृतिक, युवा महोत्सव की स्पर्धाएं होंगी, तो प्रदेश से दो-दो टीमें नाॅर्थ जोन, ऑल इंडिया स्तर की इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में भाग ले पाएंगी। दोनों विश्वविद्यालयों की एक साथ स्पर्धाएं करने से मंडी विवि के छात्रों की कभी भी मुश्किलें बढ़ सकती है। खिलाड़ी डिग्री एसपीयू से ले रहा है, जबकि उसकी खेल उपलब्धि एचपीयू में गिनी जाती है। खेल एवं पाठ्येत्तर परिषद के अध्यक्ष डाॅ. भूपेंद्र सिंह ठाकुर और विवि के खेल एवं युवा कार्यक्रम निदेशक प्रो. संजय शर्मा ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों की टीमें इंटर यूनिवर्सिटी में भाग लेंगी, तो प्रदेश की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
मंडी विवि 2022 से लेकर अब तक सुविधाओं का अभाव
2022 में अस्तित्व में आए सरदार पटेल विवि के पास आज तक विवि की तर्ज पर इंटर कॉलेज और इंटर यूनिवर्सिटी की स्पर्धाएं करवाने को आवश्यक सुविधाओं की कमी है। विवि की अपनी खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधि परिषद तक नहीं है। मंडी से अलग से इंटर यूनिवर्सिटी को टीमें जा सकेगी।
परिषद को सालाना 80 लाख का मिला था बजट
एचपीयू की खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधि परिषद को इंटर कॉलेज से लेकर ऑल इंडिया और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी तक दोनों विश्वविद्यालयों की खेल और अन्य गतिविधियों के लिए 2024 में 80 लाख का बजट ही मिला था। इंटर कॉलेज करीब 25 खेलों और चार युवा महोत्सवों और वहां से टीमों का चयन का अंतर यूनिवर्सिटी गेम्स तक का खर्च इसी राशि से होता है । कॉलेजों से प्रति छात्र 240 रुपये तक का पैसा विवि के खाते में जाता है। अब एचपीयू के पास करीब दस जिलों के कॉलेज है, जबकि मंडी के पास तीन जिलों के भी पूरे कॉलेज नहीं है।