आरोपियों ने कबूल की जेई सिविल पेपर लीक की बात, 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे

पोस्ट कोड 970 जेई सिविल पेपर लीक मामले में नामजद चार आरोपियों का पुलिस रिमांड मंगलवार को खत्म हो गया। एसआईटी ने चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से अब इन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसआईटी ने दावा किया है कि पूछताछ में निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद समेत चारों आरोपियों ने पेपर लीक की बात कबूल कर ली है। जांच में सामने आया कि उमा आजाद ने चयन आयोग के लॉकर से पेपर चुराया और यह पेपर बर्खास्त ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार को दिया। रवि कुमार ने यह पेपर मुकेश कुमार को उपलब्ध करवाया। डील के मुताबिक मुकेश के पिता ने रवि के खाते में एक लाख रुपये प्रथम किस्त के रूप में ट्रांसफर करवाए। उसके बाद रवि ने अपना हिस्सा काटकर यह रकम उमा आजाद तक पहुंचाई। बैंक से ली गई खाते की डिटेल में भी पैसों का लेनदेन सामने आया है। सच उगलवाने के बाद एसआईटी ने यह रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की। वहीं अभ्यर्थी मुकेश कुमार, उसके पिता रणजीत सिंह और बर्खास्त ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार ने जमानत के लिए न्यायालय में अर्जी दी है। इस पर 9 नवंबर को सुनवाई होनी है। इससे पूर्व प्रदेश उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी इन तीनों ने जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। चारों आरोपियों ने जेई सिविल पेपर लीक की बात पुलिस रिमांड के दौरान कबूल कर ली है। एसआईटी ने मंगलवार को इन आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से अब इन्हें 18 तक जेल भेज दिया गया है

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