विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल ट्रैक पर अब साढ़े चार घंटे ही ट्रेन कालका से शिमला पहुंच जाएगी। देश में पहली बार नैरोगेज ट्रैक पर ट्रेन सेट (सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ) चलाने का ट्रायल सफल रहा है। रेलवे के अनुसार ट्रेन सेट 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगा। सामान्य टॉय ट्रेनें कालका से शिमला पहुंचने में साढ़े पांच घंटे से अधिक समय लेती हैं। करीब 22 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टॉय ट्रेनों का संचालन हो रहा है। अधिक रफ्तार से चलने वाला ट्रेन सेट एक घंटा जल्दी ही यात्रियों को शिमला पहुंचाएगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेन सेट के बड़े-बड़े शीशों से हिल्स क्वीन शिमला की वादियों के खूबसूरत नजारा दिखेगा। रेलवे बोर्ड ने ट्रेन सेट को कालका से शिमला रेलमार्ग पर रेलमोटर कार के स्थान पर चलाने का फैसला लिया है। मौजूदा समय में रेलवे ने रेलमोटर कार का संचालन बंद कर दिया है। रेलमोटर कार में 15 यात्रियों के बैठने की ही क्षमता थी। ट्रेन सेट में तीन कोच है। इसमें 61 यात्री सफर कर सकते हैं। पहले और अंतिम कोच में 19-19 और बीच वाले कोच में 23 यात्री बैठेंगे। रेलवे का ट्रेन सेट के साथ अगला ट्रायल 61 यात्रियों के साथ होगा। नए साल से कालका से शिमला तक ट्रेन सेट का नियमित संचालन शुरू होगा। इनटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई आईसीएफ में तीन कोच वाला ट्रेन सेट तैयार किया गया है। इस ट्रेन को इंजन रहित ट्रेन भी कहा जा सकता है, क्योंकि इसमें कोच खींचने के लिए इंजन नहीं लगा है। कोच के नीचे ही छह इंजन लगाए गए हैं। हर कोच में दो-दो इंजन हैं। इसे बर्फ से ढके पहाड़ों और बर्फ पर स्कीइंग के खूबसूरत दृश्यों से सजाया गया है। इसके अलावा खिड़की के नीचे रोपवे और सैलानियों की तस्वीरों को भी स्थान दिया गया है। ट्रेन सेट में सुविधाजनक सीटों के साथ वाई-फाई, एसी, हीटर, एलईडी की भी सुविधा है। तीनों कोच आपस में जुड़े हैं। इससे एक कोच से दूसरे कोच में भी जाया जा सकता है देश में पहली बार नैरोगेज ट्रैक पर सेल्फ प्रोपेल्ट हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट कालका- शिमला रेलमार्ग पर चलेगा। कालका से शिमला पहुंचने में ट्रेन सेट 4:30 घंटे का समय लेगा। शिमला तक ट्रेन सेट का ट्रायल सफल हुआ है। अब 61 यात्रियों के साथ ट्रेन सेट कालका से शिमला पहुंचेगा। रेलमोटर कार की जगह ट्रेन सेट का नए साल से संचालन होगा