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मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि इन प्रोजेक्टों से वाटर सेस लिया जाएगा। इसके लिए भी प्रोजेक्ट मालिकों से शपथपत्र लिया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में 5 से 25 मेगावाट तक के लंबित बिजली प्रोजेक्टों को सशर्त मंजूरी देने का फैसला लिया है। इन प्रोजेक्टों के स्टेटस की जांच की जाएगी। इसके लिए सरकार ने कमेटी गठित करने का फैसला लिया है। यह कमेटी सरकार के पास जमा दस्तावेजों की जांच करेगी। यह भी देखा जाएगा कि अब तक ये प्रोजेक्ट क्यों शुरू नहीं हुए। मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि इन प्रोजेक्टों से वाटर सेस लिया जाएगा। इसके लिए भी प्रोजेक्ट मालिकों से शपथपत्र लिया जाएगा।
अगर ये वाटर सेस जमा कराने की हामी भरेंगे, उन्हें प्रोजेक्ट लगाने की मंजूरी दी जाएगी। प्रदेश सरकार के पास 5 से 25 मेगावाट तक के 13 प्रोजेक्ट लंबित हैं। इनकी जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने वाटर सेस लेने के लिए जल आयोग का गठन किया है। अब तक 30 के करीब जल विद्युत कंपनियों ने वाटर सेस जमा करा दिया है। कई कंपनियों को वाटर सेस जमा कराने को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं।