योजना के तहत महिला को गर्भधारण से प्रसूति तक केंद्र सरकार की तरफ से 6 हजार की राशि दी जाती है.
गर्भवती महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में शानदान क्रियान्वयन के लिए हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला पूरे हिमचाल प्रदेश में नंबर-1 बना है. मंडी जिला ने निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक कार्य करके पहला स्थान हासिल किया है. मंडी जिला को चालू वित्त वर्ष के दौरान 6400 महिलाओं के पंजीकरण का लक्ष्य मिला था, जबकि विभाग ने अभी तक 7300 से अधिक महिलाओं का पंजीकरण करके उन्हें लाभ दिलाने का कार्य शुरू कर दिया है.
महिला एवं बाल विकास विभाग जिला मंडी के जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल ने बताया कि जिला में अभी तक मातृ वंदना योजना के तहत 114 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. इस योजना के तहत महिला को गर्भधारण से प्रसूति तक केंद्र सरकार की तरफ से 6 हजार की राशि दी जाती है. यह राशि महिला को अपने पंसदीदा पौष्टिक आहारों के सेवन के लिए दी जाती है.
अजय बदरेल ने बताया कि इस योजना के बेहतरीन संचालन के लिए तीन महीने पहले सीडीपीओ, सुपरिवाईज्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मिशन शक्ति की टीम को प्रशिक्षण दिया गया. समस्याओं के समाधान के लिए व्हट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं. यदि पंजीकरण में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो ग्रुप में उसकी जानकारी सांझा करते ही तुरंत प्रभाव से उसका निदान किया जाता है. इन्हीं सब बातों के चलते जिला में इस योजना का बेहतरीन ढंग से क्रियान्वयन हो पा रहा है.
क्या है योजना और कब कब मिलते हैं पैसे
इस योजना के तहत गर्भावस्था के पंजीकरण के समय 1,000 रुपये दिए जाते हैं. बाद में छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कराने पर 2,000 रुपये सहायता मिलती है और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने पर और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-B सहित पहले टीके का चक्र शुरू होने पर 2,000 रुपये की मदद सरकार देती है. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) का लाभ केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार में शामिल महिलाओं को नहीं मिलता है.