# हिमाचल प्रदेश में क्यों कम हुए सुसाइड के मामले? ये हैं बड़े कारण|

हिमाचल प्रदेश में आत्महत्या के मामलों में कमी. (सांकेतिक तस्वीर)

हिमाचल प्रदेश में बीते साल में सुसाइड के मामलों में कमी आई है. प्रदेश पुलिस ने आकंड़े जारी किए हैं, जिनमें साल 2022 के मुकाबले 2023 में आत्महत्या के केसों में कमी दर्ज की गई है. साथ ही प्रदेश में आत्महत्या को मजबूर करने के मामलों में भी कमी रिकॉर्ड की गई है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में 1000 हजार के करीब लोगों ने सुसाइड किया था|

हिमाचल प्रदेश पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, बीते तीन साल में करीब 2000 हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान ली है. हालांकि, अब आंकड़ा कम हुआ है. प्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि अवेयरनेस प्रोग्राम और उनकी पहल पर मामलों में कमी दर्ज की गई है.

हिमाचल पुलिस ने आकंडे बताते हैं कि  साल 21 में आत्महत्या को मजबूर करने के 67 केस रिपोर्ट हुए थे. इसी तरह 2022 में 74 और अब साल 2023 में कुल 54 मामले पुलिस तक पहुंचे हैं. इसी तरह साल 2021 में आत्महत्या के 850 केस आए, इनमें पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई की. साल 2022 में 692 केस और 2023 में 669 केस पुलिस तक पहुंचे औऱ मामलो में कमी दर्ज हुई.

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने दावा किया कि मामलों को लेकर उनकी तरफ से काउंसिलिंग, मैपिंग और सुसाइड प्रॉन्ड एरिया की पहचान की और इसी वजह से केस कम हुए हैं.

मंडी पुलिस ने शुरू की थी पहल

सुसाइड मामलों को लेकर मंडी जिला पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर भी अपने स्तर पर शुरू किया था. बीते सप्ताह मंडी जिला से एसपी सौम्या सांबशिवन का प्रमोशन हो गया था. वह डीआईजी बन गई हैं. उन्होंने यह पहल शुरू की थी. न्यूज18 से फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि नशा सुसाइड का सबसे बड़ा कारण है. उन्हें हेल्पलाइन पर 15-20 कॉल्स आई थी और एक शख्स नदी किनारे पहुंच गया था. उसे उन्होंने बचाया. वह कहती हैं अकेलापन सुसाइड की सबसे बड़ी वजह है. लेकिन अब जागरूकता बढ़ी है. बता दें कि मंडी पुलिस ने 155326 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हिमाचल में यह इकलौता जिला है जहां पर ऐसी हेल्पलाइन है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मंडी जिला के जोनल अस्पताल में साइकेट्रिक विभाग की डॉक्टर अनीता ठाकुर कहती हैं कि लोग पहले के मुकाबले अवेयर हुए हैं. पहले डिप्रेशन के शिकार लोग सामने आने से कतराते थे, लेकिन अब जागरूकता बड़ी है और बीमारी की जानकारी भी लोगों तक पहुंच रही है, इसलिए वह अस्पताल पहुंच रहे हैं. वह कहती हैं कि डिप्रेशन या सुसाइडल फीलिंग पर लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जरूर आना चाहिए. वह कहती हैं मौजूद दौर में रिलेशनशिप में फेल्योर और अकेलापन जैसे कारण हैं और इसलिए लोग सुसाइड करते हैं.

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