प्रदेश में बंद और मर्ज होने वाले 518 स्कूलों में निजी भवनों में चल रहे सरकारी कार्यालय शिफ्ट हो सकेंगे। शिक्षा विभाग ने पंचायतीराज सहित अन्य सभी बड़े विभागों से स्कूलों में अपने कार्यालय खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। युवक और महिला मंडलों को भी किराये पर स्कूल भवन देने को लेकर विचार चल रहा है।
भविष्य में अपग्रेड करने या नए खोले जाने वाले स्कूलों को लेकर भी नीति बनाने का फैसला लिया है। विधानसभा के मानसून सत्र में शिक्षा मंत्री विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात का सदन में रिकॉर्ड भी रखेंगे। इस रिपोर्ट से प्रदेश के स्कूलों की बीते कुछ वर्षों की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा। विद्यार्थियों की शून्य संख्या होने के चलते सरकार ने 99 प्राइमरी और मिडल स्कूल बंद करने और पांच विद्यार्थियों से कम संख्या वाले 419 स्कूल मर्ज करने का फैसला लिया है। सितंबर से मर्ज किए स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नजदीकी स्कूलों में पढ़ाया जाना है। ऐसे में 519 स्कूल अगले माह से खाली हो जाएंगे।
स्कूलों के बंद रहने से भवनों को नुकसान ना हो, इसके लिए शिक्षा विभाग ने भवन किराये पर देने का फैसला लिया है। सभी विभागों को इस बाबत पत्र जारी किए गए हैं। कौन सा विभाग किस स्कूल का भवन किराये पर लेना चाहता है, इसको लेकर प्रस्ताव देने को कहा गया है। प्रस्ताव आने के बाद शिक्षा मंत्री इस बाबत अंतिम फैसला लेंगे।
लाहौल-स्पीति के मिडल स्कूलों में 107 विद्यार्थियों पर 76 शिक्षक
लाहौल-स्पीति जिले के मिडल स्कूलों में 107 विद्यार्थियों पर 76 शिक्षक हैं। जिला बिलासपुर में प्रति छह विद्यार्थी एक शिक्षक है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के यह आंकड़े सामने आए हैं। आंकड़ों की रिपोर्ट शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर विधानसभा सदन में रखेंगे। मंगलवार को राज्य सचिवालय में हुई विभागीय बैठक में इस बाबत विस्तृत चर्चा की गई।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने और संस्थानों की मजबूती के लिए कई कड़े फैसले लेने की जरूरत है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के आंकड़ों ने हैरान किया है। प्रति विद्यार्थी सरकार 37 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च कर रही है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक आवश्यकता से अधिक नियुक्त हैं, कई जगह शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। इस सब कमियों को जल्द सुधारा जाएगा।