मानसून सत्र में मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर कई संगठनों के हजारों कर्मचारी हुंकार भरेंगे। संगठनों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी चौड़ा मैदान स्थित अंबेडकर चौक में एकत्रित होंगे। इसके बाद रैली के माध्यम से विधानसभा के बाहर प्रर्दशन करेंगे। 6 सितंबर को हिमाचल प्रदेश जल रक्षक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल की अगुवाई में कर्मचारी आंबेडकर चौक पर सुबह 11:00 बजे एकत्रित होंगे। इस दौरान संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मांगों को लेकर कर्मचारियों के बीच अपनी बात रखेंगे और मांगों को पूरा करने के लिए विधानसभा तक रैली निकालेंगे। इसी दिन दोपहर 2 बजे जल शक्ति विभाग के पैरा कर्मचारी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे।
हालांकि, जिला प्रशासन ने सशर्त पर इन संगठनों ने रैली के लिए जिला प्रशासन से मंजूरी ली है। इस दौरान संगठनों की ओर से सार्वजनिक शांति भंग नहीं होनी चाहिए, जिससे कानून-व्यवस्था खराब न हो। विरोध/रैली के दौरान आपातकालीन वाहनों के यातायात के साथ-साथ आम जनता के सुचारू आवाजाही में बाधा नहीं पहुंचानी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। इसके अलावा रैली के दौरान लाठी, पाइप, बैनर और साउंड सिस्टम पर प्रतिबंध रहेगा।
निदेशालय कैडर अलग करने का किया विरोध
स्वास्थ्य विभाग लैब तकनीशियन संघ की जिला इकाई ने स्वास्थ्य निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के कैडर को अलग करने के फैसले पर आपत्ति जताई। जिला प्रधान अमरजीत शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के कैडर को अलग करना कर्मचारियों के हित में नहीं है। संघ ने कहा कि कोई भी निर्णय लेते समय उनको विश्वास में लिया जाए।
वन विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष का इस्तीफा
प्रदेश वन विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह ने महासंघ के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। नादौन में पत्रकारों से बात करते हुए रविंद्र ने कहा कि महासंघ की कार्यप्रणाली को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपने सभी साथियों से भी निवेदन करते हैं कि महासंघ को निरस्त किया जाए क्योंकि पिछले दस वर्षों से महासंघ के चुनाव नहीं हुए हैं जो कि असंवैधानिक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि महासंघ की ओर से कर्मचारियों की आवाज को नहीं उठाया जा रहा है। इस कारण महासंघ पर ही प्रश्न खड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। सभी अपने निजी स्वार्थ साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब महासंघ को निरस्त समझा जाए और दोबारा से ऐसी राज्य कार्यकारिणी का गठन किया जाए जो कर्मचारी हित में काम करे। उन्होंने कहा कि तुरंत प्रभाव से उनका इस्तीफा माना जाए।