अवैध रूप से कफ सीरप रखने के मामले में जिला अदालत ने 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश राजेश चौहान की अदालत ने दोषी को एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसको तीन साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पुलिस ने नेरवा निवासी संदीप घुंता के खिलाफ मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा 22 के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने 8 फरवरी, 2020 को झमारी पुलिस पोस्ट के पास पांवटा से आ रही बस को तलाशी के लिए रोका था।बस में बैठा संदीप पुलिस को देखकर घबरा गया। पुलिस ने उसके थैले की तलाशी ली तो 77 बोतलें कोरेक्स और लीरेक्स कफ सिरप की बरामद हुई थी। दोषी पुलिस को इसे रखने के बारे में लाइसेंस नहीं दिखा पाया। मामले की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ विशेष न्यायाधीश राजेश चौहान शिमला की अदालत में अभियोग दर्ज किया। अदालत ने गवाहों के बयानों के आधार पर कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है।