मूसलाधार बारिश ने हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला समेत जिलेभर में बुधवार को फिर कहर बरपाया। बल्देयां में हुए भूस्खलन में प्रवासी दंपती ढारे समेत मलबे में दब गया और दोनों की मौत हो गई है। मरने वाले झारखंड के जिला गुमला के गांव कैरागनी के रहने वाले 28 वर्षीय झालू ओरान और उसकी पत्नी 21 वर्षीय राकुमारी देवी हैं। शिमला शहर में भी पेड़ ढहने और भूस्खलन से मुख्य सड़कों समेत दर्जनों संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। शहर में 18 गाड़ियां भी मलबे में दब गई हैं। शहर में एक दिन में ही 250 से ज्यादा पेड़ ढह गए हैं। इसमें शहर में 110 और ग्रामीण वन मंडल में 140 पेड़ गिर गए हैं। अब तक बरसात में 750 से अधिक पेड़ गिर चुके हैं।शहर के मालरोड समेत कई सड़कें नाले में तबदील हो गईं। संजौली में गैस एजेंसी के बाहर सड़क पर रखे सिलिंडर पानी में तैरने लगे। मालरोड पर खेल परिसर के पास एक पेड़ ढह गया। इससे दुकानों को नुकसान पहुंचा है। सर्कुलर रोड को खलीनी टुटीकंडी बाइपास से जोड़ने वाली बैम्लोई कनलोग सड़क धंस गई है। कनलोग चौक के पास लगाए डंगे पेड़ों समेत निचली ओर बाइपास सड़क पर जा गिरे। इससे दोनों सड़कें बंद हो गईं। मौके पर आधा दर्जन से ज्यादा पेड़ ढह गए हैं। कई और पेड़ ढहने का खतरा है। हिमलैंड के पास भी पेड़ ढहने से फुटपाथ टूट गया और वैकल्पिक सड़क ढह गई।