हिमाचल से नेपाल के लिए बिना परमिट निजी बसों का संचालन हो रहा है। बीते करीब एक सप्ताह से रोजाना उत्तर प्रदेश और पंजाब नंबर की बसें बिना टैक्स चुकाए नेपालियों को लेकर रवाना हो रही हैं। सबसे अधिक बसें शिमला से संचालित हो रही हैं कुछ बसें कुल्लू और मंडी से भी चल रही हैं। प्रदेश में अवैध रूप से चल रही अन्य राज्यों की निजी बसों के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। अन्य राज्यों से आने वाली इन निजी बसों में सवारियों को अनाधिकृत तरीके से बैठाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश और पंजाब की निजी बसें शिमला से हरिद्वार और टनकपुर के लिए सवारियां भर रही हैं। निजी बसों के संचालक स्थानीय एजेंटों से संपर्क कर धंधा चला रहे हैं। सेब सीजन के बाद अपने देश लौट रहे नेपाली यात्रियों को झांसे में लेकर इन निजी बसों में यह कहकर बैठा देते हैं कि यह बस सीधी नेपाल जाएगी। इन बसों में प्रति सवारी किराया 2,000 से 2,500 रुपये तक वसूला जा रहा है जबकि शिमला से टनकपुर का बस किराया महज 700 रुपये है। अवैध निजी बसों में सवारियां भरवाने के लिए स्थानीय एजेंट 50 से 60 हजार रुपये तक कमीशन ले रहे हैं।
बाहरी राज्यों की निजी बसों के अवैध संचालन की शिकायत मिली है। विभाग के निरीक्षण दस्तों को ऐसी बसों को पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं। बिना पैसेंजर लिस्ट और टैक्स जमा किए बसों का संचालन किसी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। – डीसी नेगी, निदेशक, परिवहन विभाग
बाहरी राज्यों की निजी बसें अवैध रूप से हिमाचल में चल रही हैं। सेब सीजन के बाद लेबर को नेपाल ले जाने के लिए बिना टैक्स चुकाए बसें चलाई जा रही हैं। परिवहन विभाग को शिकायत कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। – रमेश कमल, महासचिव, निजी बस ऑपरेटर संघ
बाहरी राज्यों की निजी बसें 2000 से 2500 रुपये प्रति सीट के हिसाब से नेपाल सीमा के लिए चलाई जा रही हैं। इन बसों में न तो पेसेंजर लिस्ट होती है न ही टैक्स जमा होता है।