एसओएस से दिसंबर में 10वीं पास करने वाले अभ्यर्थियों को 11वीं में प्रवेश पाने के लिए शिक्षा बोर्ड के नियम आड़े आ रहे हैं। दिसंबर में इन अभ्यर्थियों को प्रवेश देने से जहां निर्धारित दो साल का गैप अभ्यर्थी पूरा नहीं कर सकेंगे, वहीं उनकी स्कूलों में 75 फीसदी हाजिरी भी पूरी नहीं होगी। इसके चलते इन अभ्यर्थियों को प्रदेश के स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। इस संदर्भ में स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि सितंबर में हुई एसओएस की 10वीं कक्षा का परिणाम दो दिसंबर को निकाला। उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थी मार्च 2025 की परीक्षा के लिए कक्षा 11वीं में नियमित छात्र के रूप में उपस्थित होने के लिए पात्र नहीं होंगे। उसकी उपस्थिति बोर्ड परीक्षा विनियमन के अनुसार 75 फीसदी और उससे अधिक नहीं होगी। इसके अलावा छात्र 10वीं और 12वीं कक्षा के बीच दो साल के अंतराल को भी पूरा नहीं कर सकेगा। इसके चलते उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में अस्वीकार कर दिया जाएगा।
निदेशालय ने 21 तक एडमिशन के दिए थे आदेश
बोर्ड की ओर से राज्य मुक्त विद्यालय (एसओएस) की 10वीं की परीक्षा सितंबर में हुई। इसका परिणाम 2 दिसंबर को घोषित किया गया। परिणाम घोषित होने के बाद अभ्यर्थियों को 11वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाया। इसके चलते उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशालय से प्रवेश दिलाने के लिए गुहार लगाई। इस पर संज्ञान लेते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने भी 13 दिसंबर को प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा उपनिदेशकों को संबंधित अभ्यर्थियों को 21 दिसंबर तक प्रवेश देने की बात कही। इसके बाद जब अभ्यर्थी स्कूलों में प्रवेश के लिए पहुंचे तो उन्हें वहां पर प्रवेश नहीं मिला। इससे उनका एक साल बर्बाद हो रहा है।
वेबसाइट पर नहीं हो रहा एडमिशन का पंजीकरण
स्कूलों ने एडमिशन नहीं देने के लिए तर्क दिया कि जिस साइट पर अभ्यर्थियों का प्रवेश संबंधी पंजीकरण होना है, उसे शिक्षा बोर्ड की ओर से बंद कर दिया है। इसके चलते उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा सकता। इससे हजारों विद्यार्थियों के मायूसी हाथ लगी।