धूमल मिलने गए तो मनमोहन ने खुद खोला था PMO कार्यालय का दरवाजा, पूर्व सीएम ने साझा की यादें

When Dhumal went to meet Manmohan Singh Manmohan himself opened the door of PMO office

मेरे लिए जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य था कि कमरे का दरवाजा खुलने पर स्वयं प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सामने खड़े थे। उन्होंने बड़े प्यार से बैठाया और कहा प्रेम जी वैसे तो मेरी पार्टी हारी है, पर मुझे खुशी है कि आप मुख्यमंत्री बने हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ संस्मरण को कुछ इस तरह से याद किया।

धूमल ने कहा कि वर्ष 2007 में जब वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो शपथ के बाद दिल्ली गए। 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा तो पीएमओ कार्यालय सूचित किया कि 2-3 मिनट का समय ही मिल सकता है। जब वह प्रधानमंत्री कार्यालय में उनसे मिलने पहुंचे, तो उन्होंने खुद दरवाजा खोला और आदर से बैठाया। काफी देर तक विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई और फिर उनसे कहा कि बीते कल शपथ ली थी, लेकिन मैं कुर्सी पर नहीं बैठा, क्योंकि शिमला की कुर्सी दिल्ली के सहयोग और आशीर्वाद के बगैर टिकती नहीं हैं।

धूमल ने कहा कि उनकी बात के जवाब में जो अंग्रेजी के शब्द मनमोहन सिंह ने कहे वह उन्हें जिंदा रहने तक याद रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रेम जी अगर कोई परेशानी आए तो तुरंत फोन करें और जवाब देने के लिए आपका मित्र दिल्ली में बैठा है। मुलाकात के बाद वह खुद उन्हें दरवाजे तक छोड़ने के लिए आए। धूमल ने कहा कि सरल और सौम्य स्वभाव के धनी मनमोहन सिंह जब राज्य सभा के सांसद थे, तो वह भी लोकसभा सांसद थे।

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