हिमाचल क्रिकेट को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले टीम के कप्तान ऋषि धवन ने रविवार को वनडे और टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने वाले धवन हिमाचल के इकलौते खिलाड़ी हैं। रविवार शाम को विजय हजारे ट्राॅफी में आंध्र प्रदेश के खिलाफ अंतिम लीग मैच खेलने के बाद धवन ने सोशल मीडिया पर संन्यास की घोषणा की। धवन ने संदेश में लिखा है कि साधारण शुरुआत से लेकर सबसे बड़े मंचों पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने तक, यह मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य रहा है।
क्रिकेट मेरा जुनून रहा है और हर सुबह उठने का मेरा कारण भी। मैं अपने सभी कोच, मेंटर, टीम के साथियों और सहयोगी स्टाफ को मुझे अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए धन्यवाद देता हूं। आखिरी में सबसे महत्वपूर्ण बात मेरा परिवार है। उनके बिना मेरे लिए यह सब हासिल करना, जीना या सपना देखना संभव नहीं होता। एचपीसीए के सचिव अवनीश परमार ने कहा कि ऋषि धवन ने हिमाचल के क्रिकेट को नए मुकाम तक पहुंचाया है। क्रिकेट में उनका योगदान अतुलनीय है।
धवन का क्रिकेट कॅरियर
ऋषि धवन ने भारतीय टीम से तीन वनडे और एक टी-20 मैच खेला है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 98 मैचों में 4,824 रन बनाए हैं, जबकि 353 विकेट चटकाए हैं। लिस्ट-ए के 134 मैचों में 2,906 रन और 186 विकेट झटके हैं। टी-20 में 135 मैचों में 1,740 रन और 118 विकेट लिए हैं। इसके अलावा आईपीएल की विभिन्न टीमों का हिस्सा भी रहे हैं।
धवन का भावुक संदेश…क्रिकेट ने दीं अनगिनत यादें
ऋषि धवन ने अपने भावुक संदेश में लिखा है कि मैं भारी मन से भारतीय क्रिकेट (सीमित ओवर) से संन्यास लेने की घोषणा करता हूं। हालांकि मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है। यह एक ऐसा खेल है, जिसने पिछले 20 सालों से मेरे जीवन को परिभाषित किया है। इस खेल ने मुझे अपार खुशी और अनगिनत यादें दी हैं, जो हमेशा मेरे दिल के बहुत करीब रहेंगी। मैं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन, पंजाब किंग्स, मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स का मुझे दिए गए अवसरों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। प्रशंसकों के लिए धवन ने लिखा कि आप मेरे लिए इस खेल की आत्मा और रक्त रहे हैं। आपकी जयकार और नारे दिल के करीब रहेंगे। इस प्यार और प्रशंसा को संजोकर रखूंगा।