हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) फीस समेत अलग-अलग तरह के शुल्क बढ़ाने और रियायती दरों पर दी जा रही परिवहन सुविधा को महंगा करने की तैयारी में है। फीस और शुल्क 10 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय डीएस की अध्यक्षता में बनी कमेटी अंतिम फैसला लेगी।
वीरवार को कुलपति की अध्यक्षता में हुई आर्थिक संसाधनों जुटाने के लिए गठित विशेष कमेटी की बैठक में विवि की आय बढ़ाने के उद्देश्य सेंटर फॉर इवनिंग स्टडीज और दूरवर्ती शिक्षण केंद्र सीडीओई में नए वित्तपोषित पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। वहीं, विवि में एमबीए, कंप्यूटर, लॉ, योग, संगीत विभाग में आवश्यकता आधारित और बाजार की मांग के अनुरूप अल्पकालिक और दीर्घावधि कोर्स शुरू किए जाएंगे। नोएडा में विवि के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीओई) की संपत्ति को किराये पर देकर धन जुटाने की संभावनाएं तलाशी जाएगी।
कुलपति ने छपाई कार्यों पर होने वाले लाखों के खर्च को कम करने और आय बढ़ाने के उद्देश्य से विवि में अपनी प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करने की बात भी कही। आय बढ़ाने के लिए बीएड पाठ्यक्रमों की तरह एमएड कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुल्क वसूलने की बात कही।
कुलपति ने कहा कि विवि में परिवहन सुविधाओं को निविदा और प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर आउटसोर्स किया जाएगा, विश्वविद्यालय की बसों में किराया एचआरटीसी बस किराये का 50 प्रतिशत लिया जाएगा। विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित दुकानों को अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए किराये पर दिए जाने और अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए घणाहट्टी में नए परिसर के विस्तार की संभावना तलाशी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन फैसलों के कारण विवि को प्रति वर्ष करीब 50 करोड़ की अतिरिक्त कमाई होगी।