ठियोग में हुए पानी के कथित घोटाले में एफआईआर दर्ज करने पर फैसला मुख्यमंत्री कार्यालय लेगा। अभी इस मामले में विधि विभाग की सलाह ली जा रही है। इसके बाद यह फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जानी है। अभी तक सरकार ने इस मामले में 10 इंजीनियरों को निलंबित किया है। विजिलेंस की ओर से सभी इंजीनियरों, ठेकेदारों व स्थानीय लोगों से पूछताछ कर प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। हालांकि विजिलेंस का स्पष्ट कहना है कि अधिकारियों, ठेकेदारों और लोगों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे है।
मुख्यमंत्री सुक्खू कांगड़ा दौरे पर हैं। सचिवालय आने पर उनसे भी इस मामले पर चर्चा की जा सकती है। रिपोर्ट में विजिलेंस ने कई खुलासे किए हैं। मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कई कई परतें खुलेंगी। विजिलेंस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। सूत्र बताते हैं कि जल शक्ति विभाग के निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और लोगों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे हैं।
जल शक्ति विभाग की ओर से जारी किए गए टेंडर की शर्तों के मुताबिक कार्य नहीं हुआ है। शर्तों के मुताबिक लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की सप्लाई की जानी थी, लेकिन जांच में सामने आया है कि ठेकेदार ने इस स्थान से टैंकरों और पिकअप में पानी भरा ही नहीं। टैंकर और पिकअप के चालक नालों से पानी भरकर ले गए। आरोप हैं कि ठेकेदारों ने जल शक्ति विभाग के दफ्तर में कर्मचारियों के साथ मिलकर बिल तैयार किए हैं।